संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण LIVE : ना हम रुकेगें ना हम थमेंगे, संसद के बजट सत्र का आगाज | President's address in Parliament LIVE: Neither we will stop nor we will stop, the budget session of Parliament will start

संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण LIVE : ना हम रुकेगें ना हम थमेंगे, संसद के बजट सत्र का आगाज

संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण LIVE : ना हम रुकेगें ना हम थमेंगे, संसद के बजट सत्र का आगाज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : January 29, 2021/5:49 am IST

नईदिल्ली। कोरोना महामारी के दौर में हो रहा संसद का ये संयुक्त सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। नया वर्ष भी है और नया दशक भी और इस वर्ष हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। इस दौरान ना हम रुकेगें ना हम थकेगें। महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

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मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है। ’प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। करीब 31 हज़ार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए।

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हमारे लिए गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस प्रोग्राम की दोनों वैक्सीन भारत में निर्मित हैं। संकट के समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं। सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो। पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।