नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) भारत के लिए सकल घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत के बराबर प्रत्यक्ष सार्वजनिक निवेश संभावित रूप से 1.1 लाख नौकरियों का सृजन कर सकता है। इसमें से करीब 70 प्रतिशत अवसर महिलाओं को मिलेंगे। फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही।
एफएलओ ने भारत की देखभाल (केयर) अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए एक खाका भी पेश किया। इसमें पांच प्रमुख क्षेत्र, छुट्टी नीतियां, देखभाल सेवा सब्सिडी, देखभाल बुनियादी ढांचे में निवेश, देखभाल श्रमिकों के लिए कौशल प्रशिक्षण तथा गुणवत्ता आश्वासन तंत्र शामिल हैं।
फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन ने कहा, ‘‘ भारत में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय मातृत्व अवकाश के लिए एमएसएमई और स्टार्टअप को वित्तीय रूप से समर्थन देने, माता-पिता की छुट्टी नीतियों को संशोधित करने और देखभाल कार्य अवकाश तथा लचीले कार्य विकल्पों को बढ़ावा देने पर विचार कर सकता है। इसमें छुट्टियों के लिए बाजार-आधारित वित्तपोषण शुरू करना शामिल हो सकता है, जैसे कि माता-पिता की छुट्टी बीमा। नियोक्ताओं को स्त्री-पुरूष में अंतर किये बना देखभाल कार्य अवकाश और लचीले कार्य विकल्प अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।’’
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के साक्ष्य से पता चलता है कि देखभाल सेवा क्षेत्र में बढ़ते निवेश से 2030 तक वैश्विक स्तर पर 47.5 करोड़ नौकरियों का सृजन करने की क्षमता है। विशेष रूप से भारत के लिए सकल घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत के बराबर प्रत्यक्ष सार्वजनिक निवेश संभावित रूप से 1.1 लाख नौकरियों का सृजन कर सकता है, इसमें से करीब 70 प्रतिशत अवसर महिलाओं को मिलेंगे।’’
भाषा अजय निहारिका रमण
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