(कुमार दीपांकर)
त्बिलिसी, तीन मई (भाषा) एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के उपाध्यक्ष भार्गव दासगुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि एडीबी जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों से निपटने में मदद करने के अलावा भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र को वित्त मुहैया कराने के लिए भी तैयार है।
एडीबी ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उपग्रह से संबंधित कुछ परियोजनाओं को अंजाम दिया हुआ है लेकिन उसने भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में अब तक कोई वित्तीय मदद नहीं दी है।
दासगुप्ता ने कहा, ‘हमने इस क्षेत्र में अब तक बहुत कुछ नहीं किया है। हम हमेशा नए क्षेत्रों को देखने को तैयार हैं। हमारा मानना है कि अब यह क्षेत्र खुल गया है और स्टार्टअप भी इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। अगर हम टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) के संदर्भ में अपने उद्देश्यों से मेल देखते हैं तो हम इस पर गौर करेंगे।’
पिछले महीने सरकार ने उपग्रह निर्माण और उपग्रह प्रक्षेपणयान क्षेत्रों में विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)नीति में संशोधन को अधिसूचित किया था।
दासगुप्ता ने भारत में उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम हाल ही में छतों पर सौर इकाई लगाने की परियोजना शुरू होने, बड़ी सौर परियोजनाओं, पंप हाइड्रो और बैटरी भंडारण जैसे कामों को लेकर बहुत उत्साहित हैं। हम इन खंडों में कई प्रायोजकों से बात कर रहे हैं। हमें यह देखकर ख़ुशी होगी कि हम उनमें से कितने को वित्त पोषित कर सकते हैं।’
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ऊर्जा पारेषण, पुरानी कोयला आधारित बिजली परियोजनाओं को हरित ऊर्जा इकाइयों में बदलने में भी कॉरपोरेट जगत की दिलचस्पी नजर आ रही है।
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी दासगुप्ता को पिछले साल सितंबर में एडीबी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। वह एडीबी के निजी क्षेत्र परिचालन विभाग और बाजार विकास एवं सार्वजनिक निजी भागीदारी कार्यालय का प्रबंधन देखते हैं।
भारत 1966 में स्थापित एडीबी का संस्थापक सदस्य है। यह एडीबी का चौथा सबसे बड़ा शेयरधारक और 2010 से इसका शीर्ष उधारकर्ता है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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