असम की महिला डेयरी किसान सशक्तीकरण की ओर अग्रसर |

असम की महिला डेयरी किसान सशक्तीकरण की ओर अग्रसर

असम की महिला डेयरी किसान सशक्तीकरण की ओर अग्रसर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : March 9, 2022/6:19 pm IST

गुवाहाटी, नौ मार्च (भाषा) असम के होजई की नयनमोनी भराली ने छह साल पहले सिर्फ एक गाय के साथ पशुपालन का अपना उद्यम शुरू किया था और अब वह रोजाना 80-85 लीटर दूध बेचती हैं, जिससे हर साल उनकी 10 लाख रुपये की कमाई होती है।

वह उन 6,800 महिला डेयरी किसानों में से हैं, जिन्होंने पशुपालन के साथ खुद को सशक्त बनाया है और राज्य में सबसे बड़े पश्चिम असम दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड (वमूल) के लिए सफलता की पटकथा लिखी है।

पूरबी डेयरी की सदस्य भराली ने कहा कि वह अब अपने उद्यम से आर्थिक रूप से स्वतंत्र हैं।

उन्होंने कहा, ‘मेरे पास अब 12 गायें हैं। मैंने पूरबी डेयरी द्वारा आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से दूध उत्पादन में सुधार करने का ज्ञान और कौशल अर्जित किया है और मैं सहकारिता की आभारी हूं कि उन्होंने मुझे उपज बेचने के लिए एक बाजार उपलब्ध कराया, जिससे मुझे लगभग 10 लाख रुपये की वार्षिक आमदनी होती है। मुझे आज एक स्वतंत्र महिला डेयरी किसान के रूप में गर्व महसूस हो रहा है।’

एक अन्य दूध किसान प्रणिता दत्ता, जो नलबाड़ी की अनंतगिरी महिला डीसीएस की अध्यक्ष हैं, ने दावा किया कि वमूल ने उनके जीवन का उत्थान किया है और उन्हें और अन्य उद्यमियों को बेहतर आजीविका दिलाने में मदद की है।

दत्ता ने हर महिला को शिक्षित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि वे भविष्य में आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण कर सकें।

वेस्ट असम मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सत्यब्रत बोस ने कहा कि इस इकाई ने आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया, जिसमें ‘वमूल की महिलाओं की शक्ति’ पर ध्यान केंद्रित किया गया और डेयरी क्षेत्र में उनके योगदान की सराहना की गई।

बोस ने कहा, ‘‘डेयरी किसानों से लेकर विभिन्न विभागों जैसे खरीद, मानव संसाधन, प्रशिक्षण एवं विकास, विपणन, पशु चिकित्सा कार्यकारी और एक तरल दूध प्रसंस्करण संयंत्र में संचालन के काम तक, महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपना योगदान दिया है जिसने इस पूरे क्षेत्र में वमूल को सबसे बड़ा दूध सहकारी बनने में मदद की है।’’

उन्होंने कहा कि इकाई से जुड़े 16,000 से अधिक डेयरी किसानों में से 6,800 महिलाएं हैं।

बोस ने कहा कि वमूल में 28 में से कम से कम 18 महिला कर्मचारी विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्वकारी भूमिका में हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)