बघेल का सीतारमण को पत्र, जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान आगे भी पांच वर्षों​ लिए और जारी रखा जाए |

बघेल का सीतारमण को पत्र, जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान आगे भी पांच वर्षों​ लिए और जारी रखा जाए

बघेल का सीतारमण को पत्र, जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान आगे भी पांच वर्षों​ लिए और जारी रखा जाए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : November 12, 2021/7:39 pm IST

रायपुर, 12 नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति अनुदान को जून, 2022 के बाद भी आगामी पांच वर्षो के लिए और जारी रखे जाने की मांग की है।

राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया ​कि बघेल ने केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य सरकारों के पास वित्तीय संसाधन सीमित हैं। कोविड के कारण विगत दो वर्षों में राज्य की आय में कमी हुई है जिससे राज्य को लोक कल्याणकारी योजनाओं के संचालन में

अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार जिन राज्यों को जीएसटी कर प्रणाली लागू होने के बाद राजस्व की हानि हुई है, उन्हें जुलाई, 2017 से जून, 2022 तक केवल पांच वर्ष के लिए ही क्षतिपूर्ति अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। राज्य को चालू वित्त वर्ष में जीएसटी क्षतिपूर्ति

मद में लगभग 6,500 करोड़ की प्रतिपूर्ति प्राप्त होना अनुमानित है। लेकिन आगामी वित्त वर्ष 2022-23 में यह राशि केवल प्रथम तिमाही (अप्रैल से जून) तक ही केन्द्र से प्राप्त होगी। जो कि लगभग 1,700 करोड़ होगी। इस प्रकार आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5,000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की कोई व्यवस्था अभी तक केन्द्र द्वारा नहीं की गई है। छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्य के लिये यह एक बड़ा आर्थिक नुकसान है। इसलिए आग्रह है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून, 2022 के बाद भी पांच वर्षों के लिए और जारी रखा जाए अथवा छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई के लिए कोई स्थायी विकल्प अतिशीघ्र किया जाए जिससे वर्ष 2022-23 के वार्षिक बजट निर्माण की प्रक्रिया निर्बाध पूर्ण की जा सके।

बघेल ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के 2014 में पारित आदेश द्वारा देशभर में 215 कोयला खदानों के आवंटन को निरस्त किया गया था। इसी आदेश में जिन कंपनियों को ये कोल ब्लॉक आवंटित थे, उन पर 295 प्रति टन की दर से जुर्माना तय किया गया था, जो कि कंपनियों द्वारा केन्द्र सरकार के पास जमा की गयी थी। यह राशि राज्यों को आवंटित की जानी चाहिए। इससे छत्तीसगढ़ को भी 4,140 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में धान का अधिशेष उत्पादन होने और धान के निराकरण में केंद्र सरकार का अपेक्षित सहयोग प्राप्त नहीं होने के कारण राज्य को प्रतिवर्ष बड़ी हानि उठानी पड़ती है। अधिशेष धान से जैव एथनॉल उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए राज्य की औद्योगिक नीति, 2019-24 के अंतर्गत उच्च प्राथमिकता वाले उद्योगों की सूची में जैव ईंधन को शामिल किया गया है तथा इसके लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गयी है। इसके फलस्वरूप राज्य में आठ निजी निवेशकों के साथ 12 करोड़ लीटर प्रतिवर्ष से अधिक एथनॉल उत्पादन के लिए सहमति ज्ञापन किया जा चुका है। बघेल ने पत्र में कहा है कि देश के अन्य कई राज्यों से उसना चावल लिया जा रहा है। हमारी मांग है कि छत्तीसगढ़ को भी कम से कम 24 लाख टन उसना चावल भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा लेने का लक्ष्य दिया जाए।

उन्होंने कहा है कि केन्द्र द्वारा दो नवंबर 2021 से पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद कर में पांच रुपये (15 प्रतिशत) और 10 रुपये (31 प्रतिशत) प्रति लीटर की कटौती के बाद इन उत्पादों से मिलने वाले केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में औसतन 23 प्रतिशत की कमी होगी। इसके अतिरिक्त इस कटौती के फलस्वरूप इन उत्पादों का शुद्ध बिक्री मूल्य कम होने से राज्य द्वारा इस पर अधिरोपित वैट संग्रहण में प्रति वर्ष कुल आठ सौ करोड़ रुपये की कमी होने की संभावना

है। इसलिए डीजल और पेट्रोल पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के स्थान पर केन्द्र द्वारा अधिरोपित उपकर की राशि समाप्त या कम किया जाना प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि वर्ष 2014-15 में राज्य को केंद्रीय योजनाओं के केंद्रांश में 7,658 करोड़ प्राप्त हुए तथा इसके विरुद्ध राज्यांश 2,622 करोड़ था अर्थात केंद्रांश और राज्यांश का औसत अनुपात 75:15 था। जबकि 2021-22 में केन्द्रीय योजनाओं में केंद्रांश 9794 करोड़ तथा राज्यांश 5,592 करोड़ है, जो कि केंद्रांश और राज्यांश का औसत अनुपात 64:36 होता है। इस प्रकार केन्द्रीय योजनाओं में केन्द्रांश में 11 प्रतिशत की औसत कमी हुई है।

भाषा संजीव संजीव अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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