पणजी, 15 जून (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) इस वित्त वर्ष से ऑडिट या लेखापरीक्षा के नए क्षेत्रों की तलाश करेगा। इनमें पानी के अंदर खनन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा शीर्ष सरकारी ऑडिटर का इरादा अधिक संख्या में रिपोर्ट जारी करने का भी है।
यहां जी20 की भारत की अध्यक्षता में आयोजित तीन दिन के सुप्रीम ऑडिट इंस्टिट्यूशंस 20 (एसएआई 20) शिखर सम्मेलन के बाद कैग गिरीश चंद्र मुर्मू ने संवाददाताओं से बातचीत में ऑडिट को आसान और तेज बनाने के लिए डेटा के मानकीकरण की जरूरत पर भी बल दिया।
उन्होंने बताया कि कैग ने इस बारे में संबंधित मंत्रालयों और विभागों के साथ सेमिनार आयोजित किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे एक स्तर तक डेटा के मानकीकरण पर सहमत हुए हैं। ऑडिट रिपोर्ट जारी करने के मामले में हमने 10 साल के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा है। आगे डेटा या ब्योरे का प्रसंस्करण और रिपोर्ट तैयार करने के काम में और तेजी लाई जाएगी।’’
कैग की ऑडिट रिपोर्ट संसद और राज्य विधानसभाओं में रखी जाती है। मुर्मू ने कहा कि शीर्ष लेखापरीक्षक नए ऑडिट क्षेत्रों की खोज करेगा, जैसे पोत परिवहन और पानी के अंदर खनन आदि।
कैग ने इस साल से ‘एंड-टू-एंड’ डिजिटल ऑडिट शुरू किया है। इस कदम से ऑडिट की सटीकता में सुधार और प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिलेगी। मुर्मू ने यह भी कहा कि ड्रोन और उपग्रह जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग पहले ही ऑडिटिंग प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग बन गया है। इससे ऑडिट और सटीक हुआ है।
यह शिखर सम्मेलन दो प्राथमिकता वाले क्षेत्रों – समुद्री अर्थव्यवस्था और जिम्मेदार कृत्रिम मेधा (एआई) पर केंद्रित था। मुर्मू ने शिखर सम्मेलन में अपने समापन भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि सामूहिक रूप से एसएआई ने समुद्री अर्थव्यवस्था (ब्लू इकनॉमी) और कृत्रिम मेधा जैसे नए क्षेत्रों में दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
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