कोयला, गैस पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 2023-24 में 2.44 प्रतिशत बढ़ी |

कोयला, गैस पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 2023-24 में 2.44 प्रतिशत बढ़ी

कोयला, गैस पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 2023-24 में 2.44 प्रतिशत बढ़ी

:   Modified Date:  May 3, 2024 / 04:11 PM IST, Published Date : May 3, 2024/4:11 pm IST

नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) देश में कोयला और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता वित्त वर्ष 2023-24 में 2.44 प्रतिशत बढ़कर 243.22 गीगावाट हो गई, जो मार्च 2023 में 237.27 गीगावाट थी। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार हरित ऊर्जा स्रोतों (गैर-जीवाश्म ईंधन) पर आधारित बिजली उत्पादन क्षमता पिछले वित्त वर्ष में 10.79 प्रतिशत बढ़कर 190.57 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) हो गई जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 172.01 गीगावाट थी।

जीवाश्म ईंधन पर आधारित बिजली घरों में ईंधन के रूप में कोयला, लिग्नाइट, गैस और डीजल का उपयोग किया जाता है। जबकि गैर-जीवाश्म ईंधन में सौर, पवन और जल विद्युत से उत्पन्न बिजली शामिल है।

पिछले वित्त वर्ष में परमाणु ऊर्जा क्षमता वृद्धि 6.78 गीगावाट से बढ़कर 8.18 गीगावाट हो गई, जो सालाना आधार पर 20.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता एक साल पहले के 416.06 गीगावाट से 6.22 प्रतिशत बढ़कर 441.97 गीगावाट हो गई।

इस दौरान कोयला आधारित क्षमता 205.24 गीगावाट से लगभग तीन प्रतिशत बढ़कर 210.97 गीगावाट हो गई जबकि गैस-आधारित उत्पादन क्षमता वित्त वर्ष 2022-23 के 24.82 गीगावाट से मामूली बढ़कर 25.04 गीगावाट हो गई।

वित्त वर्ष 2023-24 में लिग्नाइट और डीजल पर आधारित क्षमता क्रमशः 6.62 गीगावाट और 0.59 गीगावाट रही।

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की क्षमता बढ़कर 143.64 गीगावाट हो गई, जो वित्त वर्ष 2022-23 के 125.16 गीगावाट से 14.76 प्रतिशत अधिक है। जलविद्युत क्षमता भी इस दौरान 46.85 गीगावाट से बढ़कर 46.93 गीगावाट हो गई।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

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