फूलों से शहद निकालने की तरह हो कर संग्रहः वेंकैया नायडू |

फूलों से शहद निकालने की तरह हो कर संग्रहः वेंकैया नायडू

फूलों से शहद निकालने की तरह हो कर संग्रहः वेंकैया नायडू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : April 29, 2022/7:05 pm IST

नागपुर, 29 अप्रैल (भाषा) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राजस्व बढ़ाने के लिए कर संग्रह को जरूरी बताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह काम इस तरह किया जाना चाहिए कि यह मनमाना और अन्यायपूर्ण न होकर पारदर्शी एवं सुगम हो।

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) नागपुर में आईआरएस अधिकारियों के 74वें बैच के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह सलाह दी। उन्होंने महाभारत के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि कर संग्रह इस तरह होना चाहिए जैसे मधुमक्खियां फूलों से शहद इकट्ठा करती हैं।

नायडू ने कहा कि मधुमक्खियां इस तरह शहद इकट्ठा करती हैं जिस तरह फूल को किसी तरह का नुकसान न हो। इसी तरह शासकों को भी कर संग्रह इसी सिद्धांत के आधार पर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिद्घांत आज की तारीख में भी प्रासंगिक है।

नायडू ने कहा, ‘‘आपको इसे याद रखना चाहिए और अपने करियर में इसका पालन करना चाहिए। हमें कर एकत्र करने और राजस्व बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन इसे इस तरह करना चाहिए, जो मनमाना और अन्यायपूर्ण न हो। यह पारदर्शी और करदाताओं के अनुकूल होना चाहिए।’’

नायडू ने कहा कि अच्छा कर प्रशासन राष्ट्रीय वृद्धि का आधार है और सुशासन के स्तंभों में से एक है।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम

 

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