कोरोमंडल इंटरनेशनल ने स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को 200 ड्रोन दिये |

कोरोमंडल इंटरनेशनल ने स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को 200 ड्रोन दिये

कोरोमंडल इंटरनेशनल ने स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों को 200 ड्रोन दिये

:   Modified Date:  March 11, 2024 / 07:35 PM IST, Published Date : March 11, 2024/7:35 pm IST

नयी दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) कोरोमंडल इंटरनेशनल ने सोमवार को कहा कि उसने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिला सदस्यों को 200 ड्रोन उपलब्ध कराए हैं और उन्हें संचालित करने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया है।

कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड अग्रणी कृषि-समाधान प्रदाताओं में से एक है। यह दो प्रमुख क्षेत्रों में काम करती है- पोषक तत्व एवं अन्य संबद्ध व्यवसाय तथा फसल सुरक्षा। इनमें उर्वरक, फसल सुरक्षा, जैव-उत्पाद, विशेष पोषक तत्व और जैविक कारोबार शामिल हैं।

एक बयान में, कंपनी ने कहा कि उसने खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं को 200 ड्रोन वितरित किए हैं।

इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न एसएचजी के सदस्यों को ‘ऑनलाइन’ माध्यम से कोरोमंडल इंटरनेशनल द्वारा आपूर्ति किए गए 200 ड्रोन सहित 1,000 ड्रोन सौंपे।

कंपनी ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में महिला एसएचजी सदस्यों द्वारा किया जाएगा। कंपनी ने इन ड्रोनों को चलाने के लिए स्थानीय महिला पायलटों को प्रशिक्षित भी किया है।

महिलाओं को ड्रोन उपलब्ध कराने की पहल पर टिप्पणी करते हुए, ड्रोन विनिर्माता आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन के सह-संस्थापक, अनूप उपाध्याय ने कहा कि ड्रोन तकनीक किसानों के लिए बदलावकारी कदम है, जिससे उनका समय, पानी और पैसा बचता है।

उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि इससे उनकी आय 20-25 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। इसी कारण से, सरकार और प्रधानमंत्री जमीनी स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ‘ड्रोन दीदी’ पहल को बढ़ावा दे रहे हैं…।’’

एक अलग बयान में, ड्रोन विनिर्माता मारुत ड्रोन ने कहा कि उसने नमो ड्रोन दीदी कार्यक्रम में 150 एसएचजी महिलाओं को कृषि ड्रोन तकनीक से संचालित एजी-365 ड्रोन का प्रशिक्षण दिया है।

‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित करके और उन्हें स्थानीय कृषि आपूर्ति श्रृंखलाओं का अभिन्न अंशधारक बनाकर सशक्त बनाना है। योजना के तहत, सरकार का लक्ष्य 15,000 महिला नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को फसल की निगरानी, उर्वरकों और फसल सुरक्षा रसायनों के छिड़काव के लिए कृषि ड्रोन के जरिये मदद करना है। भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)