न्यायालय के फैसले से जीएसटी व्यवस्था में बदलाव की संभावना नहीं: राजस्व सचिव |

न्यायालय के फैसले से जीएसटी व्यवस्था में बदलाव की संभावना नहीं: राजस्व सचिव

न्यायालय के फैसले से जीएसटी व्यवस्था में बदलाव की संभावना नहीं: राजस्व सचिव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : May 19, 2022/9:01 pm IST

नयी दिल्ली, 19 मई (भाषा) जीएसटी परिषद के फैसलों को लागू करने पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से ‘एक राष्ट्र-एक कर’ व्यवस्था में बदलाव की संभावना नहीं है। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि यह फैसला केवल मौजूदा कानून का दोहराव है, जो राज्यों को कराधान पर परिषद की सिफारिश को स्वीकार करने या खारिज करने का अधिकार देता है।

बजाज ने साथ ही कहा कि इस शक्ति का इस्तेमाल पिछले पांच साल में किसी ने भी नहीं किया।

बजाज ने कहा कि संवैधानिक संशोधन के अनुसार जीएसटी परिषद की सिफारिशें हमेशा एक मार्गदर्शन थीं और इनका पालन अनिवार्य नहीं था।

न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सिफारिशें केंद्र और राज्यों के लिए बाध्यकारी नहीं हैं, हालांकि इन पर विचार करना महत्वपूर्ण है क्योंकि देश में सहकारी संघीय ढांचा है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के पास जीएसटी पर कानून बनाने की शक्तियां हैं लेकिन परिषद को एक व्यावहारिक समाधान प्राप्त करने के लिए सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए।

पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 246ए के मुताबिक संसद और राज्य विधायिका के पास कराधान के मामलों पर कानून बनाने की एक समान शक्तियां हैं। अनुच्छेद 246ए के तहत केंद्र और राज्य के साथ एक समान व्यवहार किया गया है, वहीं अनुच्छेद 279 कहता है कि केंद्र और राज्य एक-दूसरे से स्वतंत्र रहते हुए काम नहीं कर सकते।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशें केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक विचार-विमर्श का नतीजा होती हैं।

बजाज ने कहा, ‘‘जीएसटी कानून कहता है कि परिषद सिफारिश करेगी और इसमें आदेश देने की बात कहीं नहीं है। यह एक संवैधानिक निकाय है। संविधान द्वारा बनाया गया कार्यकारी निकाय, जिसमें केंद्र और राज्य शामिल हैं, जो सिफारिश करेगा और उसकी सिफारिश के आधार पर हमने जीएसटी पर अपने कानून बनाए हैं।’’

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में ‘‘यहां तक ​​​​कि जहां राज्य सहमत नहीं थे, और लिखित रूप में एक असहमति जताई थी, उन मामलों में भी उन्होंने परिषद द्वारा उल्लिखित तरीके से सिफारिशों को लागू किया, न कि जैसा उन्होंने कहा था, उस तरीके से।’’

बजाज ने आगे कहा कि अगर कोई राज्य जीएसटी परिषद की सिफारिश को स्वीकार नहीं करने का फैसला करता है तो समस्याएं और बढ़ सकती हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर जीएसटी कानून में बदलाव की जरूरत है, राजस्व सचिव ने कहा, ‘‘मुझे इस समय कोई जरूरत नहीं दिख रही है।’’

उन्होंने कहा कि जीएसटी अधिनियम की धारा नौ स्पष्ट रूप से कहती है कि कर की दर का फैसला परिषद की सिफारिशों पर आधारित होना चाहिए।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

 

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