नई दिल्ली: Google Chrome after update : जब भी कम्प्यूटर, स्मार्टफोन या दूसरे डिवाइस पर अपडेट आता है, तब वो बेहतर होता है यानी उसका सिक्योरिटी लेवल अपडेट होता है। इससे बग्स को फिक्स कर दिया जाता है। वायरस या मालवेयर अटैक का खतरा कम हो जाता है। लेकिन, गूगल के क्रोम ब्राउजर के अपडेट से लोगों के सिस्टम हैक हो जा रहे हैं। इसे अपडेट करने के बाद सिस्टम में एक रैंसमवेयर आ रहा है, जो यूजर के डेटा को नुकसान पहुंचा रहा है। आइए जानते हैं कैसे?
Read More: Astrology: पति के दिलों में राज करती हैं ये 4 राशि वाली लड़कियां, सबसे ज्यादा दीवाने होते हैं लड़के
Don’t Update Your Google Chrome GBhackers.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज के अपडेट के बाद सिस्टम में मैग्नीबर रैंसमवेयर आ रहा है। ऐसे में इन दोनों ब्राउजर पर अपडेट दिखाई देता है, तब उसे बिल्कुल भी अपडेट न करें। इनके अपडेट के बाद आपके सिस्टम में मैग्नीबर रैंसमवेयर आ सकता है। इससे आपके डेटा को चुराकर हैकर्स ब्लैकमेलिंग कर सकते हैं।
Read More: जयमाला के दौरान स्टेज पर बिगड़ा दूल्हे का बैलेंस, पर दुल्हन ने बचाया इस अंदाज में, वीडियो देखकर हो जाएंगे हैरान
क्या है मैग्नीबर रैंसमवेयर?
- मैग्नीबर रैंसमवेयर आपके सिस्टम तक पहुंचकर उसे खराब कर सकता है। जब आप ब्राउजिंग करते हैं, तब ये दूसरे मालवेयर डाउनलोड कर सकता है। जब यूजर क्रोम और एज ब्राउजर पर काम करता है, तब मालवेयर नकली वेबपेजों के जरिए डिस्ट्रिब्यूट किया जाता है।
- जब एक बार यूजर ‘अपडेट क्रोम’ या ‘अपडेट एज’ बटन पर क्लिक करता है, तो पेज .appx प्रकार का एक ब्राउजर एक्सटेंशन को डाउनलोड कर देता है। ये एक्सटेंशन बैकग्राउंड में एक्टिव हो जाता है। जिसके बाद आपके विंडोज की फाइल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। इस बारे में यूजर को कोई जानकारी नहीं होती।
- आपके सिस्टम में पहुंचते ही ये मालवेयर बैकग्राउंड में जाकर एक्टिव हो जाता है। ये आपके सिस्टम में मौजूद सभी फाइल्स का एन्क्रिप्शन शुरू कर देता है। जब एन्क्रिप्शन प्रोसेस खत्म हो जाती है, तब आप सिस्टम की कोई भी फाइल ओपन नहीं कर पाएंगे।
- इस दौरान हैकर्स आपको फिरौती का नोट पैड भेजता है। जब आप उसको पेमेंट करेंगे, तभी वापस फाइल का एक्सेस मिलता है। इतना ही नहीं रैंसमवेयर टोर ब्राउजर डाउनलोड करने के लिए भी कहता है।
- अपने क्रोम ब्राउजर या एज ब्राउजर को फिलहाल अपडेट मत करिए। अगर ये ऑटोमैटिक अपडेट होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। मैनुअल अपडेट नहीं करना है। मैनुअल डाउनलोड में हैकर्स आपको फेक पेज पर ले जा सकते हैं।
- अपने डेटा का बैकअप जरूर रखें। इसके लिए क्लाउड स्टोरेज या फिजिकल एक्सटर्नल स्टोरेज हार्ड ड्राइव का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर किसी वजह से PC इन्फेक्टेड हो जाता है, तब अपने सिस्टम को रीसेट करें।
- अपने PC और लैपटॉप में एक एंटीवायरस का इस्तेमाल जरूर करें। एंटीवायरस को अपडेट करते रहें। हो सके तो फ्री एंटीवायरस से बचने की कोशिश करें। इसका पेड वर्जन ही इस्तेमाल करें।