2021-22 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान: एसबीआई अर्थशास्त्री |

2021-22 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान: एसबीआई अर्थशास्त्री

2021-22 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान: एसबीआई अर्थशास्त्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : May 26, 2022/6:06 pm IST

मुंबई, 26 मई (भाषा) देश की आर्थिक वृद्धि दर मार्च, 2022 को समाप्त चौथी तिमाही में 2.7 प्रतिशत जबकि पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अर्थशास्त्रियों ने बृहस्पतिवार को यह अनुमान लगाया है।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अब तक हमने जो संशोधन देखे हैं, उनके कारण आंकड़ों को समझना मुश्किल है। इसके चलते आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान लगाना आसान नहीं है।

अर्थशास्त्रियों के अनुसार, ‘‘हमारा मानना ​​है कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही का जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का अनुमान अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। उदाहरण के लिये बीते वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि के 20.3 प्रतिशत के अनुमान में यदि एक प्रतिशत की भी कमी की जाती है और अन्य चीजें अपरिवर्तित रहती हैं, यह मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में वृद्धि दर को 3.8 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।”

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) जीडीपी वृद्धि का आंकड़ा 31 मई को जारी कर सकता है।

एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 2021-22 की चौथी तिमाही में जीडीपी 41.04 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 147.7 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है। यह महामारी-पूर्व स्तर से 1.7 प्रतिशत अधिक है। एसबीआई ने ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ के आधार पर चौथी तिमाही में जीडीपी 40 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा है जो सीएसओ के शुरुआती अनुमान से एक लाख करोड़ रुपये कम है।

अर्थशास्त्रियों ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि अगर पहली तिमाही, दूसरी और तीसरी तिमाही में आंकड़ों में कमी कर समायोजन किया जाता है, इससे चौथी तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों पर अच्छा प्रभाव पड़ सकता है। हर 10,000 करोड़ रुपये का संशोधन जीडीपी वृद्धि में 0.07 प्रतिशत जोड़ता / घटाता है।’’

अर्थशास्त्रियों ने यह भी कहा कि कच्चे तेल की कीमतें लंबे समय तक ऊंची नहीं रहेंगी। उन्होंने जून में मौद्रिक नीति समीक्षा में रिजर्व बैंक के नीतिगत दर बढ़ाने की संभावना भी जतायी।

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers