खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट बरकरार |

खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट बरकरार

खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट बरकरार

:   Modified Date:  March 23, 2023 / 08:39 PM IST, Published Date : March 23, 2023/8:39 pm IST

नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) विदेशों में रैपसीड (विदेशी सरसों) के भाव टूटने के बाद बृहस्तिवार को सभी खाद्यतेल तिलहन कीमतों में चौतरफा गिरावट देखी गई। रैपसीड में आई इस गिरावट के कारण सूरजमुखी और सोयाबीन खाद्य तेलों पर दबाव बढ़ गया और इनके भाव लड़खड़ा गये जिसके बाद सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन तथा बिनौला तेल जैसे देशी तेल-तिलहनों सहित कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के भाव धराशायी होते नजर आये।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि यूक्रेन में रैपसीड का स्टॉक जमा होता जा रहा है। हमारे देश में इसके तेल पर 38.5 प्रतिशत का आयात शुल्क लगा हुआ है। यूक्रेन में स्टॉक जमा होने के बीच रैपसीड का भाव आसमान से उतरता हुआ कच्चे पामतेल (सीपीओ) के बराबर आ गया। इस स्थिति के बीच विदेशों में सूरजमुखी और सोयाबीन तेल कीमतें भी धराशायी हो गईं। पिछले लगभग 10 महीनों में देखें तो सूरजमुखी तेल का दाम पहले यदि एक रुपये था तो वह घटकर लगभग 40 पैसे रह गया है।

सूत्रों ने कहा कि देश का तेल- तिलहन तो खपना मुश्किल ही है। तेल उद्योग बदहाली की ओर अग्रसर है। बंदरगाह पर सूरजमुखी तेल का दाम 78 रुपये लीटर हो तो देशी तेल-तिलहन (जिनके पेराई के बाद सरसों 120 रुपये और देशी सूरजमुखी 135 रुपये लीटर बैठते हैं) तो बाजार में खपेगा नहीं तो कम से कम उपभोक्ताओं को ही लाभ पहुंच जाये तो कहीं बेहतर हो। इन उपभोक्ताओं को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) जरूरत से कहीं काफी अधिक होने की वजह से 78 रुपये वाला शुल्कमुक्त आयातित सूरजमुखी तेल लगभग दोगुने दाम पर खरीदना पड़ रहा है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को तेल रिफाइनिंग कंपनियों से निविदा मंगाकर तेल आयात की छूट देकर रिफाइनिंग के बाद निविदा में बताये गये दाम पर बाजार में आपूर्ति करने की छूट दे देनी चाहिये। इससे कम से कम उपभोक्ताओं को तो विदेशों में खाद्य तेल कीमतों में आई गिरावट का लाभ तो मिल सकेगा।

सूत्रों ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से बिनौला खल के वायदा भाव में निरंतर तेजी देखी जा रही है। देशी तेल-तिलहन खपने की स्थिति नहीं होने की वजह से तेल खली की भारी कमी को कैसे दूर किया जायेगा, सरकार को इस पशु आहार की समस्या के बारे में भी सोचना होगा। इसका आयात भी करना मुश्किल होगा क्योंकि उपलब्धता कम होने की वजह से यह सीमित मात्रा में आयात किया जा सकता है।

मलेशिया एक्सचेंज में दो प्रतिशत की गिरावट आई जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 3.5 प्रतिशत टूटा था और फिलहाल इसमें लगभग तीन प्रतिशत की गिरावट है।

बृहस्तिवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,230-5,280 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,775-6,835 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,590 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,535-2,800 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,690-1,760 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,690-1,810 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,110 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,350 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,215-5,365 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,975-5,025 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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