सोने की हॉलमार्किंग नियमों के खिलाफ ज्वैलर्स की हड़ताल को लेकर सरकार, व्यापारियों के अलग दावे |

सोने की हॉलमार्किंग नियमों के खिलाफ ज्वैलर्स की हड़ताल को लेकर सरकार, व्यापारियों के अलग दावे

सोने की हॉलमार्किंग नियमों के खिलाफ ज्वैलर्स की हड़ताल को लेकर सरकार, व्यापारियों के अलग दावे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:47 PM IST, Published Date : August 23, 2021/11:35 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) केंद्र सरकार के नए स्वर्ण हॉलमार्किंग नियमों के विरोध में करीब 350 जौहरी संघों द्वारा आहूत राष्ट्रव्यापी हड़ताल सोमवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। हालांकि, इन नये नियमों के खिलाफ हड़ताल की सफलता के बारे में आभूषण कारोबारियों (ज्वैलर्स) और सरकार के दावे परस्पर विरोधी हैं।

विरोध करने वाले जौहरियों के संगठन ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) में से एक ने दावा किया कि हड़ताल को ‘जबर्दस्त प्रतिक्रिया’ प्राप्त हुई है क्योंकि बड़े औद्योगिक घरानों को छोड़कर अधिकांश आभूषण विक्रेताओं की दुकानें सोमवार को हड़ताल के कारण बंद रहीं।

दूसरी ओर, सरकार ने – एक विज्ञप्ति में – कहा कि हड़ताल का ‘कोई प्रभाव नहीं’ पड़ा है। सरकार की ओर से कुछ जौहरियों के निकायों के पत्रों की प्रतियां भी जारी की गई जिन निकायों ने हड़ताल का विरोध किया।

सरकार ने तनिष्क, कल्याण ज्वैलर्स और पीसी ज्वैलर्स जैसी ज्वैलरी कंपनियों के शोरूम की तस्वीरें भी जारी की जो हड़ताल के दिन खुली रहीं।

लगभग 350 आभूषण निकाय, सरकार की हॉलमार्किंग विशिष्ट पहचान संख्या (एचयूआईडी) प्रणाली के खिलाफ हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि इसका सोने की शुद्धता से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह सिर्फ कारोबार के बारे में पता लगाने वाला (ट्रैकिंग) एक तंत्र है।

हॉलमार्किंग को सुचारू रूप से लागू करने के लिए ‘नेशनल टास्क फोर्स’ बनाने वाले इन ज्वैलर्स ने सरकार से अंशधारकों की चिंताओं को दूर करने के लिए ‘तटस्थ समिति’ बनाने की मांग की है।

पीटीआई-भाषा से बात करते हुए, एक विरोध प्रदर्शनकारी आभूषण निकाय ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के निदेशक दिनेश जैन ने कहा, ‘‘एचयूआईडी प्रणाली के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल की बहुत मजबूत और जबरदस्त प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। एक दिन के लिए दुकानें बंद रहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हड़ताल शांतिपूर्ण ढंग से चली। हमने सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया। कुछ कॉरपोरेट को छोड़कर, 90 प्रतिशत अंशधारकों ने हड़ताल में भाग लिया।’’

हालांकि, तमिलनाडु और केरल में जहां ओणम त्योहार के कारण दोपहर 12.30 बजे तक दुकानें आधे दिन के लिए बंद रहीं।

वामन हरि पेठे ज्वैलर्स के निदेशक आदित्य पेठे ने कहा, ‘‘हमारे साथ साथ कई ज्वैलरी हाउसों ने हड़ताल के समर्थन में 23 अगस्त को स्टोर बंद रखा है। हमें उम्मीद है कि सरकार रोल-आउट योजनाओं को संशोधित करेगी ताकि यह सभी पक्षों के लिए एक जीत की स्थिति हो।’’

उदाहरण के लिए गुजरात में 15,000 से अधिक ज्वैलर्स ने अपना कारोबार बंद रखा।

ज्वैलर्स एसोसिएशन ऑफ अहमदाबाद के अध्यक्ष जिगर सोनी ने दावा किया कि अकेले अहमदाबाद में, लगभग 6,000 दुकानें और शोरूम मालिक, एक सरल हॉलमार्किंग प्रक्रिया की मांग को लेकर हड़ताल में शामिल हुए।

इसी तरह जम्मू में भी जौहरियों ने अपना कारोबार बंद कर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सर्राफा एसोसिएशन जम्मू प्रांत और स्वर्णकार संघ तदर्थ समिति जम्मू ने संयुक्त रूप से पुराने शहर के मुख्य आभूषण बाजार, जैन बाजार में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया और एचयूआईडी के ‘मनमाने कार्यान्वयन’ के खिलाफ नारे लगाए।

कीमती धातु सोने के शुद्धता को प्रमाणित करने वाला, अनिवार्य सोने की हॉलमार्किंग, 16 जून से चरणबद्ध तरीके से लागू है। सरकार ने पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 256 जिलों की पहचान की है।

पिछले हफ्ते, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने जौहरियों के संगठनों से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि सोने की हॉलमार्किंग का कार्यान्वयन अब तक ‘शानदार ढंग से सफल’ रहा है। बीआईएस देश में स्वर्ण हॉलमार्किंग प्रणाली को लागू कर रहा है।

इस बीच, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ज्वेलर्स के एक बहुत छोटे हिस्से द्वारा बुलाई गई हड़ताल का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि अपेक्षित था, आभूषण कारोबार के सामान्य कामकाज को बाधित करने के लिए कुछ व्यक्तियों द्वारा गुमराह करने का प्रयास आज बुरी तरह विफल रहा है।’’

इस बीच, मंत्रालय ने ज्वैलर्स के निकायों – ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एजेजीएफ), स्वर्णकार सभा, जेम्स एंड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑर्गनाइजेशन (जीजेएमए), सर्व स्वर्णकार समाज नेत्रत्व विकास संस्था के पत्रों की प्रतियां भी जारी कीं, जिन्होंने हड़ताल का विरोध किया और एचयूआईडी प्रणाली समर्थन किया।

उदाहरण के लिए, एजेजीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने पत्र में दावा किया कि हड़ताल का ‘‘आंशिक प्रभाव’’ पड़ा। उन्होंने कहा, ‘खासकर कुछ बड़े आभूषण व्यापारी और कॉरपोरेट ज्वैलर्स बंद रहे। चूंकि हड़ताल का कोई औचित्य नहीं था, इसलिए देश भर के आभूषण व्यापारियों ने हड़ताल को खारिज कर दिया।’

मंत्रालय द्वारा जारी तस्वीरों के अनुसार पीपी ज्वैलर्स, हीरा पन्ना ज्वैलर्स, तलवारसन ज्वैलर्स, लालचंद, एपारी सदाशिव ज्वैलर्स, कैरेटलेन भी खुले रहे।

मंत्रालय के अनुसार, प्रतिदिन रिकॉर्ड संख्या में उपभोक्ताओं द्वारा गोल्ड हॉलमार्किंग को अपनाया जा रहा है। कुछ ही हफ्तों में एक करोड़ से अधिक आभूषणों की हॉलमार्किंग की गई है।

बयान में कहा गया है, ‘आभूषण कारोबार के कई संगठनों ने भी हड़ताल पर जाने के विचार पर चिंता और विरोध जताया है।

भाषा राजेश

राजेश महाबीर

महाबीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)