होटल क्षेत्र की उद्योग, बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की मांग |

होटल क्षेत्र की उद्योग, बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की मांग

होटल क्षेत्र की उद्योग, बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिए जाने की मांग

:   Modified Date:  May 5, 2024 / 04:39 PM IST, Published Date : May 5, 2024/4:39 pm IST

नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) होटल या आतिथ्य क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए इसे राज्य स्तर पर उद्योग का दर्जा दिए जाने की जरूरत है। इसके अलावा क्षेत्र को केंद्र के स्तर पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र का दर्जा दिया जाना चाहिए।

भारतीय होटल संघ (एचएआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष के बी काचरू ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर यह क्षेत्र सरकार द्वारा 50 नए गंतव्यों के विकास की घोषणा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा।

आतिथ्य क्षेत्र को यह भी उम्मीद है कि भारत में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का आगमन अगले साल मार्च तक कोविड महामारी-पूर्व स्तर तक पहुंच जाएगा, लेकिन वीजा सुविधा को सुगम करने की जरूरत है। …साथ ही देश को विश्व स्तर पर एक गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाने की भी जरूरत है।

काचरू रेडिसन होटल समूह के दक्षिण एशिया के भी चेयरमैन हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “सरकार ने 50 नए गंतव्यों की घोषणा की है। अगर बुनियादी ढांचा होगा तो निवेशक इन जगहों पर पैसा लगाने में दिलचस्पी लेंगे।”

उन्होंने कहा, “लोग तभी पैसा निवेश करेंगे जब संबंधित प्रोत्साहन दिया जाएगा…जब तक उद्योग को इन गंतव्यों में निवेश करने के लिए प्रेरित नहीं किया जाएगा, हम वह हासिल नहीं कर पाएंगे जो हम चाहते हैं।”

काचरू ने जोर देकर कहा कि होटल क्षेत्र ‘सब्सिडी या ऐसी चीजें नहीं मांग रहा है जो सरकार के लिए मुश्किल हैं।’

उन्होंने कहा, “हम ये कह रहे हैं कि सरकार चाहे जो भी चाहे, हम कैसे योगदान दे सकते हैं? जैसे कि सरकारी स्तर पर हमें उद्योग के अंग तौर पर व्यवहार करें। अगर ऐसा होता है तो हमें संबंधित लाभ मिलेंगे और हम वृद्धि कर सकेंगे।”

कई राज्यों में उद्योग का दर्ज नहीं होने के कारण होटल क्षेत्र को एक वाणिज्यिक क्षेत्र के रूप में माना जाता है जिससे बिजली शुल्क और कर्ज पर ब्याज दरें बहुत अधिक होती हैं।

उन्होंने कहा कि हवाई अड्डों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया गया है, लेकिन होटलों को नहीं, और अगर लोगों के रहने के लिए पर्याप्त आवास और सुविधाएं नहीं हैं तो किसी गंतव्य का विकास करना मुश्किल होगा।

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)