आईसीएआई का सुझाव, लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च के लिए अलग से हो कर छूट |

आईसीएआई का सुझाव, लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च के लिए अलग से हो कर छूट

आईसीएआई का सुझाव, लड़कियों की पढ़ाई पर खर्च के लिए अलग से हो कर छूट

:   Modified Date:  April 29, 2024 / 09:44 PM IST, Published Date : April 29, 2024/9:44 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) चार्टर्ड अकाउंटेंट के शीर्ष निकाय आईसीएआई ने कर प्रणाली में लड़कियों की शिक्षा से संबंधित खर्चों की अलग से कटौती और हरित परियोजनाओं एवं कौशल विकास से जुड़ी इकाइयों को कर प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव रखा है।

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने नई सरकार के गठन के बाद पेश होने वाले पूर्ण बजट के पहले अपना प्रस्ताव केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को सौंपा है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट नई सरकार पेश करेगी।

इन प्रस्तावों में कहा गया है कि नई कर व्यवस्था और वैकल्पिक कर प्रणाली दोनों के तहत लड़कियों की शिक्षा से संबंधित खर्चों की कटौती के लिए एक अलग प्रावधान किया जाना चाहिए।

आईसीएआई के साथ लगभग 8.5 लाख छात्र और चार लाख से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं।

आईसीएआई ने सोमवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि व्यक्तिगत कराधान व्यवस्था से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण सुझावों में मेडिक्लेम प्रीमियम भुगतान के लिए कटौती के प्रावधान को नई कर व्यवस्था में शामिल करना, मानक कटौती में नियमित वृद्धि और विवाहित जोड़ों के लिए संयुक्त कराधान का विकल्प शामिल है।

इसके अलावा संस्थान ने हरित परियोजनाओं में लगी कंपनियों और कौशल विकास कार्यक्रमों में शामिल संस्थाओं के लिए कर प्रोत्साहन की भी वकालत की है। एक प्रस्ताव यह भी है कि हरित बॉन्ड के खरीदारों को मिले ब्याज पर छूट दी जा सकती है या इस पर रियायती दर लागू की जा सकती है।

कंपनियों पर लगने वाले कराधान के संदर्भ में आईसीएआई ने कर लेखा-परीक्षा के प्रावधानों का अनुमानित आय प्रावधानों के साथ मिलान करने, अनुमानित आय की व्यवस्था को अधिक सरल बनाने और भागीदारों के स्वीकार्य पारिश्रमिक की गणना के लिए सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है।

इसके अलावा धर्मार्थ ट्रस्टों के कराधान से संबंधित प्रावधानों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव भी किया गया है।

आईसीएआई के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने कहा, ‘हरित वित्त को बढ़ाने और हरित परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए हमने हरित परियोजनाएं शुरू करने वाली संस्थाओं को विशेष प्रोत्साहन देने की वकालत की है। ऐसी संस्थाओं द्वारा जारी किए गए हरित बॉन्ड के ग्राहकों की ब्याज आय में छूट का प्रस्ताव भी किया है।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

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