अक्टूबर में भारत के कच्चे इस्पात का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़कर लगभग 90 लाख टन | India's crude steel production rises 0.9 per cent to nearly 90 lakh tonnes in October

अक्टूबर में भारत के कच्चे इस्पात का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़कर लगभग 90 लाख टन

अक्टूबर में भारत के कच्चे इस्पात का उत्पादन 0.9 प्रतिशत बढ़कर लगभग 90 लाख टन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : November 25, 2020/11:46 am IST

नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) भारत के कच्चे इस्पात का उत्पादन अक्टूबर 2020 में 0.9 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 90.58 लाख टन हो गया।

इस्पात क्षेत्र के वैश्विक निकाय वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन या वर्ल्डस्टील ने यह जानकारी देते हुए अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि पिछले साल इसी महीने के दौरान देश में 89.81 लाख टन कच्चे इस्पात का उत्पादन हुआ था।

वर्ल्डस्टील ने कहा, ‘‘वर्ल्डस्टील को रिपोर्ट देने वाले विश्व के 64 देशों में कच्चे इस्पात का उत्पादन अक्टूबर 2020 में 16 करोड़ 18.90 लाख टन रहा, जो अक्टूबर 2019 में हुए 15 करोड़ 12.48 लाख टन के उत्पादन की तुलना में सात प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

उसने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी की वजह से जारी दिक्कतों के कारण, इस महीने के कई आंकड़े अनुमानगत हैं, जिन्हें अगले महीने के उत्पादन की अद्यतन जानकारी के साथ संशोधित किया जा सकता है।’’

वर्ल्डस्टील के आंकड़ों के अनुसार, चीन ने अक्टूबर 2020 के दौरान इस्पात उत्पादन में सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ नौ करोड़ 22.02 लाख टन का उत्पादन किया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में उसने आठ करोड़ 17.81 लाख टन का उत्पादन किया था।

अक्टूबर 2020 में अमेरिकी उत्पादन 61.43 लाख टन कच्चे इस्पात का था, जो अक्टूबर 2019 के 72.50 लाख टन से 15.3 प्रतिशत कम है।

समीक्षाधीन माह में दक्षिण कोरिया का इस्पात उत्पादन 1.8 प्रतिशत घटकर 58.59 लाख टन रह गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह उत्पादन 59.64 लाख टन का हुआ था।

इस अवधि में जर्मनी का कच्चे इस्पात का उत्पादन 3.1 प्रतिशत बढ़कर 34.17 लाख टन हो गया जो पिछले साल की समान अवधि में 33.17 लाख टन था।

वर्ल्डस्टील ने कहा, ‘‘ब्राजील ने अक्टूबर 2020 में 27.84 लाख टन कच्चे इस्पात का उत्पादन किया, जो अक्टूबर 2019 के उत्पादन से 3.5 प्रतिशत अधिक है। अक्टूबर 2020 में तुर्की का कच्चे इस्पात का उत्पादन 32.08 लाख टन था, जो पहले के मुकाबले 19.4 प्रतिशत अधिक है।’’

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

 

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