नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) भारत से अमेरिका को एक साल में न्यूनतम 3.36 लाख टन इस्पात एवं एल्युमिनियम उत्पादों के निर्यात को बिना अतिरिक्त शुल्क संभव बनाने के लिए दोनों देश एक संयुक्त निगरानी व्यवस्था बनाने पर सहमत हो गए हैं। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
इस्पात एवं एल्युमिनियम के कुछ खास उत्पादों का भारत से अमेरिका को निर्यात करने पर अतिरिक्त शुल्क लगता रहा है। अमेरिका ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए भारतीय इस्पात उत्पादों पर 25 प्रतिशत और एल्युमिनियम उत्पादों पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था।
इसके जवाब में भारत ने भी जून, 2019 में 28 अमेरिकी उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त सीमा-शुल्क लगा दिया था।
हालांकि, अब दोनों देशों ने इस अतिरिक्त कर को हटाने का मन बना लिया है। भारत ने जहां अमेरिका से सेब और अखरोट जैसे आठ उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त शुल्क हटा लिया है, वहीं अमेरिका ने भी भारत के इस्पात उत्पादों पर 25 प्रतिशत और एल्युमिनियम उत्पादों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को हटाने की घोषणा कर दी है।
वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव पीयूष कुमार ने कहा कि अतिरिक्त शुल्क के बगैर निर्यात को संभव बनाने के बारे में दोनों देशों के अधिकारी साल में दो बार मुलाकात करेंगे।
कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम साल में दो बार बैठक करेंगे। हमने इस्पात और खनन मंत्रालयों से एक-एक अधिकारी को नामित करने को कहा है जो हितधारकों एवं निर्यातकों से बात कर सके।’’
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय निर्यातकों को इस्पात एवं एल्युमिनियम उत्पाद अमेरिका भेजने में कोई समस्या पेश आएगी तो उसे वाणिज्य मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाएगा और फिर संयुक्त निगरानी व्यवस्था की बैठकों में उस मुद्दे को उठाया जाएगा।
कुमार ने कहा कि सालाना 3.36 लाख टन इस्पात एवं एल्युमिनियम के निर्यात संबंधी आवेदनों को मंजूरी दी जाएगी। यह न्यूनतम मात्रा है और अमेरिका इससे अधिक की भी मंजूरी दे सकता है।
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