शिकायत अपीलीय समितियों के तौर-तरीके 10-12 दिन में तय होंगे: चंद्रशेखर |

शिकायत अपीलीय समितियों के तौर-तरीके 10-12 दिन में तय होंगे: चंद्रशेखर

शिकायत अपीलीय समितियों के तौर-तरीके 10-12 दिन में तय होंगे: चंद्रशेखर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : November 1, 2022/6:14 pm IST

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर सोशल मीडिया मंचों के समुचित कार्रवाई नहीं करने पर सुनवाई के लिए गठित की जाने वाली अपीलीय समितियों के कामकाजी तौर-तरीके अगले 10-12 दिनों में तय कर लिए जाएंगे।

इसके साथ ही चंद्रशेखर ने कहा कि शिकायत अपीलीय समितियों (जीएसी) का गठन 30 दिनों के भीतर कर लिए जाने की उम्मीद है।

सरकार ने पिछले हफ्ते जीएसी के गठन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों में बदलाव किए थे। इनमें सोशल मीडिया कंपनियों की तरफ से शिकायतों पर समुचित कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में अपीलीय समितियों के पास जाने का विकल्प दिया गया है।

चंद्रशेखर ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह साफ किया कि सोशल मीडिया कंपनियां आईटी नियमों एवं कानूनों का पालन करने को लेकर मनमर्जी नहीं दिखा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जीएसी का कामकाजी प्रारूप जारी होने के बाद सभी हितधारकों के साथ बैठकें एवं चर्चाएं की जाएंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम अगले 10-12 दिन में जीएसी की संरचना, डिजाइन एवं कामकाजी शर्तों को जारी करेंगे। मैं यह आश्वासन देता हूं कि उपभोक्ताओं एवं उद्योग दोनों के साथ परामर्श किए बगैर किसी भी बात को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा।’’

इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि 30 नवंबर के पहले जीएसी का गठन हो जाएगा।

सरकार ने आईटी नियमों में संशोधन करते हुए कहा है कि भारत में परिचालन कर रहे फेसबुक एवं ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों को स्थानीय कानूनों का पालन करना होगा और उन्हें भारतीय उपयोगकर्ताओं को संविधान से मिले अधिकारों के अनुरूप ढलना होगा।

अपीलीय समितियां सोशल मीडिया मंचों पर उपलब्ध किसी सामग्री के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत पर संतोषजनक कार्रवाई नहीं किए जाने की स्थिति में सोशल मीडिया कंपनियों के फैसलों को पलट सकती हैं। हालांकि, दोनों में से कोई भी पक्ष के असंतुष्ट होने पर अदालत की शरण ले सकती है। ये समितियां इंटरनेट पर ‘ट्रैफिक दिशा संकेतक’ के तौर पर काम करेंगी।

चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘अगर सोशल मीडिया मंच उपयोगकर्ताओं को हानि पहुंचाने, राष्ट्रीय सुरक्षा और गलत सूचना जैसे पहलुओं का ध्यान रखते हैं और सामग्री निगरानी का अपना दायित्व निभाते हैं तो उन्हें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। अगर वे अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाते हैं तो सरकार भी उन्हें सुरक्षित पनाहगाह देने के लिए जिम्मेदार नहीं है।’’

कुछ दिनों पहले ही ट्विटर की कमान एलन मस्क के पास जाने और फिर उसके शीर्ष पदाधिकारियों को हटाए जाने के बारे में पूछे जाने पर आईटी मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार इंटरनेट को अपने 120 करोड़ डिजिटल नागरिकों के लिए जवाबदेह एवं सुरक्षित बनाए रखने की नजर से देखती है। हम इस घटना को किसी मालिक की विचारधारा के नजरिये से नहीं देखते हैं।’’

उन्होंने कहा कि एक खुले, सुरक्षित एवं भरोसेमंद इंटरनेट की मौजूदगी सरकार, नागरिकों एवं सोशल मीडिया मंच सबके के लिए लाभ की स्थिति है।

भाषा

प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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