नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने मंगलवार को कहा कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को और अधिकार मिलने चाहिए ताकि वह उन जटिल कंपनी धोखाधड़ी मामलों में स्वयं अपने दम पर जांच कर अभियोजन चला सके जिसका अर्थव्यवस्था और विभिन्न संबद्ध पक्षों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
एसएफआईओ कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आता है और कंपनी कानून के तहत इसका गठन हुआ है।
वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने मंत्रालय की 2021-22 के लिये अनुदान मांगों पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि अपने गठन के समय से एसएफआईओ ने गंभीर आपराधिक मामलों में अबतक ऐसा मामला नहीं देखा जिसमें दोषी ठहराया गया हो। ऐसे मामलों के निपटान में 8 से 10 साल लगते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति उम्मीद करती है कि एसएफआईओ कामकाज के मामले में उच्च मानदंडों से लैस हो।’’
समिति के अनुसार एसएफआईओ का कामकाज कंपनी कानून के अंतर्गत आता है, इसका मकसद जटिल कॉरपोरेट धोखाधड़ी के मामलों को निपटान करना है, लेकर यह दूर की कौड़ी बनी हुई है। कई जांच एजेंसियां एक ही वित्तीय अपराध के मामले में जांच करती हैं, जिससे मामला लंबा चलता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘एसएफआईओ को पर्याप्त अधिकार दिये जा सकते हैं जिससे वह गंभीर कॉरपोरेट धोखाधड़ी से जुड़े उन मामलों में स्वयं अपने दम पर जांच कर सके और उसमें अभियोजन चला सके जिसका अर्थव्यवस्था और विभिन्न संबद्ध पक्षों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ’’
भाषा
रमण मनोहर
मनोहर
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