भारत में उच्च अधिकारियों और स्टॉफ की सैलरी में चौकाने वाला अंतर  | Shocking salary difference between high officials and staff

भारत में उच्च अधिकारियों और स्टॉफ की सैलरी में चौकाने वाला अंतर 

भारत में उच्च अधिकारियों और स्टॉफ की सैलरी में चौकाने वाला अंतर 

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : March 22, 2018/8:31 am IST

आइये आपको एक ऐसे सच से रूबरू करवाते है जिसे सुनकर आपकी भी आंखे खुली की खुली रह जाएगी।आम तौर पर हम बात करते हैं कि भारत में आर्थिक असमानता बहुत ज्यादा है इसकी वजह जानकर आपकी भी आंखे खुली के खुली रह जाएगी आइये जानते हैं क्या है मामला। कैपिटलाइन के आंकड़ों और सालाना रिपोर्टों के विश्लेषण के अनुसार, भारत में उच्च अधिकारियों की सैलरी स्टाफ से एक नहीं, दश नहीं, सौ नहीं, पूरे 243 गुना अधिक है l कैपिटलाइन के आंकड़ों और सालाना रिपोर्टों के विश्लेषण में बताया गया है कि हिन्दुस्तान में अन्य स्टॉफ की तुलना में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का वेतन 243 गुना अधिक है। वेतन में औसत से ज्यादा वृद्धि के साथ-साथ बोनस की भी सुविधा है जो इन्कम को और बढ़ा देती है। 

  

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 रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 में कंपनी के टॉप अधिकारियों का औसत वेतन 12.1 प्रतिशत से  बढ़कर 9.8 करोड़ रूपये पहुंच गया है। इसके अनुसार कर्मचारियों और सीईओ के वेतन के मामले में भारत, अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है जहां सर्वाधिक अंतर देखा गया है। वर्ष 2017 में भारतीय कर्मचारियों के वेतन में पिछले साल के मुकाबले 8.5  फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी जिसके बाद इनका औसतन वेतन बढ़कर 5,65,748 रूपये हो गई है। 

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वर्ष 2017 में अन्तर्राष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ का औसतन वेतन 23.6 करोड़ रूपये था, तो भारतीय कंपनियों की सीईओ के औसतन वेतन लगभग  9.76 करोड़ था।भारतीय कंपनियो के उच्च अधिकारियों का उनके वेतन के अलावा 40 से 83 प्रतिशत तक भत्ते तथा बोनस मिलते हैं। बीएसई 500 कंपनियों के 104 सीनियर एग्जिक्युटिव्स का मेहताना 10 करोड़ से भी ज्यादा रहा। 

 

 रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

 1.    वर्ष 2017 में कंपनी के टॉप अधिकारियों की औसत सैलरी 12.1 प्रतिशत बढ़कर 9.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गई.

 2.    कर्मचारियों तथा सीईओ की सैलरी में अमेरिका के बाद भारत में सबसे अधिक अंतर देखा गया है.

 3.    वर्ष 2017 में भारतीय कर्मचारियों की सैलरी में पिछले साल के मुकाबले 8.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इसके बाद इनकी सैलरी बढ़कर 5,65,748 रुपये हो गई.

 4.    वर्ष 2017 में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ की औसत सैलरी करीब 23.6 करोड़ रुपये थी तो भारतीय कंपनियों के सीईओ की औसतन 9.76 करोड़ रुपये थी.

 5.    भारतीय कंपनियों के टॉप अधिकारियों को उनकी सैलरी के अलावा 40 से 83 प्रतिशत तक भत्ते और बोनस मिलते हैं.

 6.    बीएसई 500 कंपनियों के ऐसे प्रमोटरों समेत सीनियर एग्जिक्युटिव्स की सैलरी वित्त वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में 43 से 84.8 प्रतिशत बढ़ गई जिन्होंने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है. 

 7.   बीएसई 500 कंपनियों के 104 सीनियर एग्जिक्युटिव्स के मेहनताना 10 करोड़ रुपये ज्यादा रहा l

 

कुछ भारतीय कम्पनियों के उदहारण

 –   भारत की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लार्सन एंड टूब्रो के ग्रुप चेयरमैन वित्त वर्ष 2017 में सबसे ज्यादा कंपनसेशन पाने वाले मैनेजमेंट प्रोफेशनल रहे. उन्हें रेमुनेरेशन के रूप में सालाना 19.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 78.91 करोड़ रुपये मिले. उनकी कंपनी में आम कर्मचारियों के औसत कंपनसेशन के मुकाबले उनका रेमुनेरेशन 1102 गुना रहा.

 –   इसी प्रकार टीसीएस के चेयरमैन को 17.55 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 30.16 करोड़ रुपये मिले. यह आंकड़ा कम्पनी के कर्मचारियों की सैलरी का 514 गुना है। 

विभा राजपूत IBC24