नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) सरकार ने हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता पवन हंस लिमिटेड (पीएचएल) में अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी 211.14 करोड़ रुपये में स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को प्रबंधकीय नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ बेचने की मंजूरी दे दी है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में इस फैसले की जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) से अधिकार-प्राप्त वैकल्पिक तंत्र ने पीएचएल में सरकार की समूची 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की उच्चतम बोली को मंजूरी दे दी है।’
सीसीईए के बनाए गए वैकल्पिक तंत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं।
इस बयान में कहा गया कि अब पीएचएल का प्रबंधकीय नियंत्रण भी स्टार9 मोबिलिटी के ही पास रहेगा। स्टार9 मोबिलिटी एक समूह है जिसमें बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मास ग्लोबल ऑपरच्युनिटी फंड एसपीसी शामिल हैं।
पीएचएल की 51 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए आरक्षित मूल्य 199.92 करोड़ रुपये तय किया गया था। पवन हंस की बिक्री के लिए सरकार को तीन कंपनियों से बोलियां मिली थीं।
इनमें से स्टार9 मोबिलिटी 211.14 करोड़ रुपये की बोली के साथ सबसे बड़ी बोलीकर्ता के रूप में सामने आई है। बाकी दो बोलियां 181.05 करोड़ रुपये एवं 153.15 करोड़ रुपये की थी।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, उचित विचार-विमर्श के बाद, मेसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड की वित्तीय बोली को सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
हेलीकॉप्टर सेवाएं देने वाली कंपनी पीएचएल केंद्र सरकार और सार्वजनिक उपक्रम ओएनजीसी (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन) का संयुक्त उद्यम है जिसमें उनकी हिस्सेदारी 51:49 अनुपात में है। हालांकि ओएनजीसी ने पहले ही कह दिया था कि वह रणनीतिक विनिवेश सौदे में चिह्नित सफल बोलीकर्ता को अपनी समूची हिस्सेदारी समान भाव एवं शर्तों पर दे देगी।
भाषा प्रेम रमण
रमण
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