संसदीय समिति ने राजस्व विभाग से कहा, कर-जीडीपी अनुपात में सुधार के लिए सख्त प्रवर्तन जरूरी |

संसदीय समिति ने राजस्व विभाग से कहा, कर-जीडीपी अनुपात में सुधार के लिए सख्त प्रवर्तन जरूरी

संसदीय समिति ने राजस्व विभाग से कहा, कर-जीडीपी अनुपात में सुधार के लिए सख्त प्रवर्तन जरूरी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : August 3, 2021/9:40 pm IST

नयी दिल्ली तीन अगस्त (भाषा) एक संसदीय समिति ने मंगलवार को राजस्व विभाग (डीओआर) से कर-से-जीडीपी अनुपात बढ़ाने के लिए सख्त प्रवर्तन और उच्च अनुपालन को कहा है।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि कि जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा उन लोगों द्वारा दिया जाता है जो करों का भुगतान नहीं कर सकते।

सिन्हा ने कहा कि यही कारण है कि भारत का कर-सकल घरेलू उत्पाद अनुपात लगभग 10 प्रतिशत के आसपास है। जबकि विकसित देशों में कर-जीडीपी अनुपात 25 से 28 प्रतिशत के बीच हैं।

समिति ने कहा, ‘‘कर दरों को बढ़ाने में बाधाओं को देखते हुए सख्त प्रवर्तन और उच्च अनुपालन के जरिये ही उच्च राजस्व प्राप्त किया जा सकता है।’’

भाषा जतिन अजय

अजय

 

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