पर्यावरण अनुकूल इस्पात की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता: राम चंद्र प्रसाद सिंह |

पर्यावरण अनुकूल इस्पात की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता: राम चंद्र प्रसाद सिंह

पर्यावरण अनुकूल इस्पात की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता: राम चंद्र प्रसाद सिंह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : March 27, 2022/8:57 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने पर्यावरण अनुकूल इस्पात की ओर बढ़ने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि लौह अयस्क और इस्पात क्षेत्र में हाइड्रोजन के उपयोग से कोयले के आयात को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाइड्रोजन को लेकर एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण है।

सिंह ने कहा, ‘‘लौह और इस्पात उद्योग को बड़ा लाभ होगा क्योंकि कोयले का स्थान हाइड्रोजन ले सकती है। इससे कोयले के आयात पर हमारी निर्भरता भी कम होगी।’’

केंद्रीय मंत्री ने ‘इस्पात क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना-पूरक इस्पात क्षेत्र की भूमिका’ पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि उद्योग के सुझावों पर विचार किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य निर्बाध, पारदर्शी और लचीली प्रक्रिया बनाना है।

उन्होंने कहा कि उद्योग ने उत्पादन में काफी प्रगति की है। वर्ष 1991 में 2.2 करोड़ टन से बढ़कर 2021-22 में उत्पादन 12 करोड़ टन हो गया है।

सिंह ने कहा कि 2030 तक इस्पात का उत्पादन तीस करोड़ टन और 2047 तक 50 करोड़ टन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है।

भाषा जतिन मानसी

मानसी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)