रेस्तरां में सेवा शुल्क लेने की क्या जरूरत है, दाम बढ़ा सकते हैं : उच्च न्यायालय |

रेस्तरां में सेवा शुल्क लेने की क्या जरूरत है, दाम बढ़ा सकते हैं : उच्च न्यायालय

रेस्तरां में सेवा शुल्क लेने की क्या जरूरत है, दाम बढ़ा सकते हैं : उच्च न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : August 16, 2022/3:11 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को रेस्तरां में ग्राहकों से अतिरिक्त या ‘अलग’ शुल्क के रूप में सेवा शुल्क वसूलने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसके स्थान पर खाद्य उत्पादों के दाम बढ़ाने का तरीका अपनाया जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने यह टिप्पणी केंद्र सरकार की तरफ से दायर एक अपील की सुनवाई के दौरान की।

इसके पहले उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने होटलों एवं रेस्तरांओं को ग्राहकों से सेवा शुल्क लेने पर रोकने वाले केंद्र के निर्देश पर स्थगन दे दिया था।

मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि एक आम आदमी रेस्तरां में वसूले जाने वाले सेवा शुल्क को सरकार की तरफ से लगाया गया कर ही समझता है। ऐसी स्थिति में अगर होटल एवं रेस्तरां ग्राहक से अधिक राशि वसूलना चाहते हैं तो वे अपने यहां परोसे जाने वाले खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ा सकते हैं। फिर उन्हें बिल में अलग से सेवा शुल्क लेने की जरूरत नहीं रह जाएगी।

रेस्तरां संगठनों की तरफ से कहा गया कि सेवा शुल्क कोई सरकारी कर नहीं है और यह रेस्तरां में काम करने वाले कर्मचारियों के लाभ के लिए वसूला जाता है।

न्यायालय ने इस दलील से असहमति जताते हुए कहा, ‘‘अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाइए, हम आपकी बात सुनेंगे।… वैसे सेवा शुल्क लेने का ताल्लुक रेस्तरां कर्मचारियों से नहीं बल्कि उपभोक्ताओं से है।’’

इसके साथ ही मामले की सुनवाई 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी गई।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

 

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