IPS मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत, केंद्र सरकार ने रद्द किया निलंबन

IPS Mukesh Gupta suspension canceled : केंद्र सरकार ने IPS मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत दी है। उनका निलंबन रद्द हो गया है।

IPS मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत, केंद्र सरकार ने रद्द किया निलंबन

IPS Mukesh Gupta suspension canceled

Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: September 17, 2022 5:11 pm IST

रायपुर। IPS Mukesh Gupta suspension canceled : केंद्र सरकार ने IPS मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नान घोटाला केस में फर्जीवाड़े और फोन टैपिंग के आरोपी IPS मुकेश गुप्ता का निलंबन खत्म कर दिया है। उनका निलंबन रद्द हो गया है। मुकेश गुप्ता पर नान घोेटोले में सूबत के साथ छेड़छाड़ का आरोप था। बता दें कि मुकेश गुप्ता मार्च 2019 से निलंबित चल रहे थे। वे इस महीने रिटायरमेंट हो रहे हैं।

साथ ही केंद्र के इस फैसले से राज्य सरकार को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। 16 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अपर सचिव संजीव कुमार ने निलंबित IPS मुकेश गुप्ता को बड़ी राहत देने वाला आदेश जारी किया। मुकेश गुप्ता इसी महीने 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। रिटायरमेंट से 14 दिन पहले निलंबन समाप्ति के आदेश से पुलिस महकमे की बेचैनी बढ़ा दी है। गुप्ता अब पीएचक्यू में जाएंगे या फिर कोई दूसरा रास्ता तलाशेंगे इसे लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक चर्चाओं का दौर  तेज हो गया है।

 ⁠

बता दें कि नान घोटाले का खुलासा होने और इसमें आईपीएस मुकेश गुप्ता की कथित संलिप्तता सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने 9 फरवरी 2019 में उन्हें निलंबित किया था। उसके बाद उन पर एक के बाद एक करके 3 एफआईआर किए गए हैं। मुकेश गुप्ता 1988 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस हैं। वे डीजीपी पद पर पदोन्नत हो चुके थे। राज्य सरकार ने उन्हें डीजीपी से वापस रिवर्ट कर दिया था। फिलहाल अभी वे एडीजी रैंक के अफसर हैं। मुकेश गुप्ता को कैट से राहत मिलने पर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने माना की मुकेश गुप्ता को निलंबित रखा जाना उचित नहीं है।

EOW और ACB ने मारा था छापा

छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन और आर्थिक अपराध ब्यूरो ने 12 फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम के मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। वहां से करोड़ों रुपए की नकदी, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज मिले। आरोप था, राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई। शुरुआत में शिवशंकर भट्‌ट सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला चला।

 


लेखक के बारे में