Chandulal Chandrakar Memorial |Chandulal Chandrakar Memorial Medical

विधानसभा में चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग (अधिग्रहण) विधेयक 2021 ध्वनिमत से पारित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:09 PM IST, Published Date : July 29, 2021/11:06 pm IST

Chandulal Chandrakar Memorial Medical College
रायपुर, 29 जुलाई 2021। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग (अधिग्रहण) विधेयक 2021 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री टीएस सिंहदेव ने सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार जनहित में इस चिकित्सा महाविद्यालय के अधिग्रहण का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि दुर्ग में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलना राज्य सरकार की प्राथमिकता में रहा है।

मंत्री सिंहदेव ने कहा कि नई राज्य सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव पर सहमति देते हुए इसके लिए प्रयास करने को कहा था। दो वर्ष पहले केन्द्र सरकार द्वारा पूरे देश में 75 मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रावधान बजट में किया था और राज्य सरकार से इसके लिए प्रस्ताव मांगे थे। छत्तीसगढ़ में तीन मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव था, जिस पर राज्य सरकार ने कांकेर, कोरबा और महासमुंद में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव भेजा था, जिनकी सहमति केन्द्र से मिली। छत्तीसगढ़ के संचालित 6 मेडिकल कॉलेजों को और इन 3 मेडिकल कॉलेज को मिलाकर प्रदेश के 9 लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। दुर्ग में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव केन्द्र को इसलिए नहीं भेजा जा सका, क्योंकि केन्द्र सरकार ने यह शर्त रखी थी, कि जहां पूर्व में शासकीय या निजी मेडिकल कॉलेज खोले गए हो, वहां के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा जाना चाहिए। केन्द्र की इस नीति के हिसाब से दुर्ग में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए छत्तीसगढ़ को कोई राशि नहीं मिल पाती। इस कारण दुर्ग में शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव नहीं भेजा जा सका। तभी से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वहां शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जा रहा था।

Chandulal Chandrakar Memorial Medical College

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मंत्री सिंहदेव ने कहा कि चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय दुर्ग के अधिग्रहण की प्रक्रिया में फाइल में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि यह प्रकरण भविष्य के दृष्टांत नहीं होगा। केवल वन टाईम परमिशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जांजगीर-चांपा और दुर्ग लोकसभा क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए हम पिछले ढाई साल से चिंतन कर रहे हैं, ताकि सभी लोकसभा क्षेत्रों में एक-एक मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य पूरा हो सके। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए निजी अस्पतालों के अधिग्रहण के बारे में भी चर्चा होती रही है। श्री सिंहदेव ने कहा कि यह विधेयक किसी कंपनी से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि जनहित में लाया गया है। अधिग्रहण में देनदारियों को सीमित किया गया है। श्री सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी पहलुओं पर विचार कर इस मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले के जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की भी दुर्ग में एक शासकीय मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि हर लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज और जिलों में जिला अस्पताल और सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल की सुविधा हो। इस मेडिकल कॉलेज के छात्र मुझसे भी मिले थे।

चर्चा के दौरान विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार ने छात्र-छात्राओं के हित में इस मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के संचालन में लगभग 200 करोड़ रूपए का वित्तीय भार प्रतिवर्ष आता है। चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति मेडिकल कॉलेज के संचालन में साल में 140 करोड़ रूपए का वित्तीय भार आएगा। विधायक श्री देवेन्द्र यादव ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति मेडिकल कॉलेज के छात्र लगातार यह मांग करते थे कि इस मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भिलाई में कोविड काल के समय वहां संचालित सेक्टर-9 अस्पताल की कमियां हम सबने देखी। उसी दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी कि सेक्टर-9 अस्पताल को राज्य शासन द्वारा सर्वसुविधा युक्त बनाया जाएगा। इसके लिए भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन और सेल के अधिकारियों से लगातार चर्चा की। लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा एनओसी नहीं दी गई। कोरोना की दूसरी लहर के समय चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज की अधोसंरचना का उपयोग करके 5000 लोगों की जान बचाई जा सकी थी। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल के अधिग्रहण से 186 छात्रों का भविष्य खराब होने से बच जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज की संपत्ति का आंकलन मूल्याकंन अधिकारी द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ कराया जाएगा। यदि इस पर किसी को आपत्ति होगी तो उसका भी निराकरण किया जाएगा। यह अधिग्रहण विधेयक पादर्शिता के साथ लाया गया है। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण से आधी से भी कम कीमत पर मेडिकल कॉलेज का अच्छा इन्फ्रास्ट्रचर मिलेगा।

विधायक अरूण वोरा ने कहा कि इस अधिग्रहण से 750 बेड बढ़ जाएंगे और प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़कर 1370 हो जाएगी। विधायक डॉ. लक्ष्मी धु्रव ने कहा कि लोक कल्याणकारी भावना और छात्र हितकारी भावना को ध्यान में रखकर यह अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे एक बनी बनाई एक अच्छा इन्फ्रास्ट्रचर मिल जाएगा। विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि इस निर्णय में छत्तीसगढ़ की अस्मिता और स्वाभिमान का ध्यान रखा गया है। इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दुर्ग सहित राजनांदगांव, कवर्धा, बेमेतरा और बालोद के गरीब लोगों के इलाज की व्यवस्था हो सकेगी। इसके अधिग्रहण के निर्णय से क्षेत्र के लोगों में खुशी है। विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज से हर वर्ष 150 डॉ. मिलेंगे।

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चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के उल्लेखनीय बिन्दु

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के निवासियों तथा कॉलेज के विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए स्वर्गीय श्री चन्दूलाल चन्द्राकर की पुण्यतिथि के अवसर पर 2 फरवरी 2021 को आयोजित कार्यक्रम में चन्दूलाल चन्द्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कचांदुर के राज्य शासन द्वारा अधिग्रहण की घोषणा की। शासन स्तर पर अधिग्रहण के सभी पहलुओं का परीक्षण करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारियों की समिति बनाई गई। इस समिति ने भी कॉलेज का अधिग्रहण करने की अनुशंसा की। समिति की अनुशंसा के उपरांत विधि विभाग से परीक्षण और परिमार्जन करके कॉलेज का अधिग्रहण करने के लिए विधेयक तैयार किया गया। जिसकी स्वीकृति मंत्री परिषद द्वारा दी गई।

विगत कई वर्षों में पूर्व में उपेक्षित स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु अनेक उपाय किये गये हैं। सैकड़ों करोड़ की अतिरिक्त राशि व्यय की गई है।
कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप भविष्य में भी जारी रहने की पूर्ण आशंका है। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना अभी भी चुनौती है।
नए मेडिकल कॉलेज के निर्माण में 400 से 500 करोड़ रुपए तथा 3 से 4 वर्ष की अवधि लगती है। चन्दूलाल चन्द्राकर स्मृति मेडिकल कॉलेज में अभी भी कई छात्र (भावी डॉक्टर) अध्ययनरत हैं। मेडिकल कॉलेज बंद होने की कगार पर है जिससे वहां अध्ययनरत छात्रों का भविष्य अंधकारमय होना निश्चित है।

इस मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण से हर वर्ष 150 नए डॉक्टर मिलेंगे।
मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण भू-अर्जन के नियमों के तहत किया जाएगा। भू-अर्जन के प्रावधानों के अंतर्गत ही संपत्ति का आंकलन किया जाना है। ग्रामीण क्षेत्रों में गाइडलाईन के चार गुना भुगतान के स्थान पर मंत्रिमंडल द्वारा दो गुना तक मूल्यांकन करने का निर्णय किया गया। इस प्रकार निर्धारित राशि के अतिरिक्त ना तो कोई राशि का भुगतान किया जाएगा और ना अन्य कोई दायित्व होगा। इससे सरकार को कम राशि का भुगतान करना पड़ेगा।
मेडिकल कॉलेज के प्रमोटर्स के अन्य विधिक, आर्थिक दायित्व का भार सरकार पर नहीं पड़ेगा। उनकी व्यक्तिगत जवाबदारी होगी। पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया है। किसी को लाभान्वित करने का प्रश्न ही नहीं है।