छत्तीसगढ़: बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बीच शाम पांच बजे तक 63 फीसदी से अधिक मतदान |

छत्तीसगढ़: बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बीच शाम पांच बजे तक 63 फीसदी से अधिक मतदान

छत्तीसगढ़: बस्तर में कड़ी सुरक्षा के बीच शाम पांच बजे तक 63 फीसदी से अधिक मतदान

:   Modified Date:  April 19, 2024 / 07:20 PM IST, Published Date : April 19, 2024/7:20 pm IST

रायपुर,19 अप्रैल (भाषा) लोकसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार शाम पांच बजे तक 63.41 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने यह जानकारी दी।

क्षेत्र में ‘अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल)’ का गोला दुर्घटनावश फट जाने से केंद्रीय रिवर्ज पुलिस बल के एक जवान की मौत भी हो गयी।

अधिकारियों ने बताया कि बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल आठ विधानसभा क्षेत्र हैं। उनमें से कोंडागांव, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंटा तथा जगदलपुर के 72 मतदान केंद्र में मतदाताओं ने सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक मतदान किया।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र के बस्तर और जगदलपुर के शेष 175 मतदान केंद्रों में शाम पांच बजे तक मतदान हुआ।

उन्होंने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों में मतदान का समय समाप्त होने के बाद भी मतदान केंद्र परिसर में मतदाता कतार में अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि मतदान का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई मतदान केंद्रों से अंतिम आंकड़ा अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।

उन्होंने बताया कि 56 गांवों के ग्रामीणों ने पहली बार लोकसभा चुनाव में अपने गांव में बने मतदान केंद्रों पर वोट डाला।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले में एक यूबीजीएल गोला दुर्घटनावश फट गया जिससे चुनाव सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मियों का दल उसूर थाना क्षेत्र के गलगम गांव में एक मतदान केंद्र के पास अभियान पर निकला था।

अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में सीआरपीएफ की 196 वीं बटालियन के आरक्षक देवेंद्र कुमार को गंभीर चोटें आईं थी। कुमार को इलाज के लिए जगदलपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

उन्होंने बताया कि एक अन्य घटना में बीजापुर जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट होने से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक सहायक कमांडेंट घायल हो गया।

यह घटना भैरमगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र के तहत चिहका मतदान केंद्र के पास हुई जब सुरक्षा कर्मियों का एक दल मतदान को देखते हुए इलाके में नक्सल विरोधी अभियान में निकला था।

उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान सीआरपीएफ की 62 वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट मनु एचसी प्रेशर बम के संपर्क में आ गए, जिससे बम में विस्फोट हो गया और उनका बायां पैर तथा हाथ घायल हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर जिलों के कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं। बुजुर्ग मतदाता, जिनमें से कुछ व्हीलचेयर पर थे, भी वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे।

नवविवाहित जोड़े देवेश ठाकुर और गंगोत्री ठाकुर जब अपनी शादी की पोशाक में नारायणपुर जिले के गुरिया मतदान केंद्र पर मतदान करने आए तो सभी की निगाहें उन पर टिकी रहीं।

शुरुआती मतदाताओं में कांग्रेस उम्मीदवार कवासी लखमा शामिल थे, जिन्होंने नागारास मतदान केंद्र (सुकमा) में वोट डाला जबकि कलचा (बस्तर) में भाजपा प्रत्याशी महेश कश्यप, शांति नगर (जगदलपुर-बस्तर) में, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव और राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप ने फरसेगुड़ा (बस्तर) में मतदान किया।

आज मतदान में बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी और बस्तर संभाग के आयुक्त (राजस्व) श्याम धावड़े ने बस्तर जिले के हाटकचोरा मतदान केंद्र में वोट डाला।

सुंदरराज ने कहा कि ‘बैलेट और बुलेट’ की इस लड़ाई में अंततः बैलेट ही सफल, सार्थक और सशक्त बनकर उभरेगा।

उन्होंने कहा, ‘माओवादियों के बार-बार बहिष्कार और धमकी भरे आह्वान के बावजूद, बस्तर के लोगों में बहुत उत्साह और प्रतिबद्धता है, जो बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर आ रहे हैं।’

बस्तर जिले के अंदरूनी गांव चांदामेटा के मतदान केंद्र में नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान को नकारते हुए ग्रामीण वोट डालने के लिए कतार में खड़े देखे गए।

शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए बस्तर निर्वाचन क्षेत्र में 60 हजार से अधिक राज्य और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।

बस्तर क्षेत्र में कुल 14,72,207 मतदाता हैं, जिनमें से 7,71,679 महिला और 7,00,476 पुरुष एवं 52 तृतीय लिंगी हैं।

इस निर्वाचन क्षेत्र में 1,961 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 61 को अतिसंवेदनशील और 196 को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है।

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला यहां सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल कांग्रेस के मध्य है। 2000 में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद नक्सल प्रभावित इस लोकसभा क्षेत्र में 2004, 2009 और 2014 में भाजपा के उम्मीदवार की जीत हुई थी। लेकिन 2019 में यहां के मतदाताओं ने कांग्रेस के उम्मीदवार दीपक बैज पर भरोसा जताया था।

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के लिए इस बार सत्ताधारी दल भाजपा ने एक नए चेहरे महेश कश्यप को मैदान में उतारा है। कश्यप पूर्व में विश्व हिंदू परिषद के सदस्य रह चुके हैं। कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद दीपक बैज, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं का टिकट काटकर कोंटा क्षेत्र के विधायक कवासी लखमा को मैदान में उतारा है।

2019 के चुनाव में बस्तर लोकसभा सीट पर 66.04 प्रतिशत मतदान हुआ था।

राज्य की 11 लोकसभा सीट पर तीन चरणों में मतदान होगा।

भाषा संजीव

राजकुमार

राजकुमार

 

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