रायपुर:Paddy News Chhatisgarh छत्तीसगढ को धान का कटोरा कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां सबसे ज्यादा धान की खेती की जाती है। देश का छोटा सा राज्य होकर भी यहां के करीब 6 प्रतिशत धान पैदा कर लेते हैं। प्रदेश की इस अधिकांश आबादी के जीवन को संवारने का काम भूपेश बघेल की सरकार बखूबी कर रही है। सरकार की धान खरीदी योजना से लाखों लाख परिवार समृद्ध और खुशहाल बनता जा रहा है यूं तो छत्तीसगढ़ एक छोटा सा राज्य है, लेकिन यहां की बेहद उपजाऊ जमीन और मेहनत कश किसानों ने इसे देश का धान का कटोरा बना दिया है। प्रदेश के 88 फीसदी किसान मिलकर धान की खेती करते हैं, और देश का करीब 6 प्रतिशत धान पैदा कर लेते हैं।
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और इन लाखों किसान परिवारों के जीवन को संवारने और उन्हें उनकी मेहनत का सम्मान देने के लिए सरकार ने धान खरीदी के रूप मे नई मिसाल पेश की है. 2018 में सरकार बनाते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का ऐलान कर दिया। ना सिर्फ इसी दर पर किसानों से धान खरीदी की गई, बल्कि पिछली सरकार की ओर से उस साल खरीदे गए धान के अंतर की राशि देने की भी व्यवस्था की गई। खाद्य मंत्री से इस बारे में जब चर्चा हुई तो।
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अमरजीत भगत, खाद्य मंत्री ने कहा कि
भूपेश बघेल की सरकार ने ना सिर्फ 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की सरकारी खरीदी का ऐतिहासिक पहल की, बल्कि भाजपा सरकार के काल में प्रति एकड़ धान बेचने की मात्रा पर लगी कैपिंग को भी बढ़ा प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान कर दिया। इसका नतीजा ये निकला भाजपा काल में धान बेचने वाले किसानों की जो संख्या 12 लाख थी, वो इस साल दोगुना से भी ज्यादा होकर 26 लाख हो गया है। भूपेश सरकार के पहले प्रदेश में 56 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का आंकड़ा ही सबसे बड़ा था, लेकिन इस साल सरकार ने रिकार्ड 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। जाहिर है इससे प्रदेश के किसान बेहद खुश हैं, और भूपेश सरकार की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
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