अहमदाबाद, एक अगस्त (भाषा) गुजरात में ऐसे 1,101 अस्पताल हैं जिनके पास अब तक गुजरात अग्नि निवारण और जीवन रक्षण उपाय अधिनियम के तहत अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र नहीं है। यह जानकारी राज्य सरकार ने हाल में उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में दी है।
उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने स्वत: संज्ञान लेकर कोविड-19 मरीजों के उचित इलाज और शवों के सम्मानजनक तरीके से निस्तारण को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है और सोमवार को इस मामले में अदालत में सुनवाई की उम्मीद है।
गुजरात में शहरी विकास एवं शहरी आवास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुकेश पुरी द्वारा दाखिल हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य में 5,705 अस्पताल हैं जिनमें से 4,604 अस्पतालों को वर्ष 2013 के अधिनियम के तहत दमकल विभाग ने अग्नि सुरक्षा पर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया है जबकि 1101 अस्पतालों के पास यह एनओसी नहीं है।
सरकार द्वारा ऐसे अस्पतालों पर की गई कार्रवाई की जानकारी देते हुए हलफनामा में कहा गया है कि अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र नहीं होने पर करीब 1500 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, 30 अस्पतालों के पानी के कनेक्शन काट दिए गए हैं, 185 अस्पतालों को आंशिक रूप से सील किया गया है और इन परिसरों को सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के बाद ही खोला जाएगा।
हलफनामे के मुताबिक गुजरात में केवल 47 अस्पताल ही कोविड-19 मरीजों का इस समय इलाज कर रहे हैं और सभी के पास अग्नि सुरक्षा संबंधी एनओसी है।
भाषा धीरज नीरज
नीरज
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