देश की आर्थिक तस्वीर में बड़ा बदलाव लाने की नरेंद्र मोदी सरकार की योजना भारतमाला का आज औपचारिक ऐलान कर दिया गया। दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस में वित्त सचिव अशोक लवाला ने आज बताया कि भारतमाला के प्रथम चरण में 2000 किलोमीटर तटवर्ती सड़क का निर्माण किया जाएगा। अशोक लवासा ने बताया कि भारतमाला योजना सड़क निर्माण की सबसे बड़ी योजना होगी
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जिसके तहत अगले 5 वर्षों में 6.92 लाख करोड़ रूपये खर्चकर 83,677 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना के दौरान अनुमानित 14.2 करोड़ मानवश्रम दिवसों का सृजन होगा। 2021-22 तक इस योजना के त्वरित रफ्तार से पूरी करने में NHAI, NHIDCL, MoRTH और राज्य पीडब्ल्यूडी की सहभागिता होगी।
अगले 5 वर्षों में 6.92 लाख करोड़ रूपये खर्चकर 83,677 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा: सचिव @FinMinIndia pic.twitter.com/CfZFpqf2PB
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भारतमाला सड़क योजना के लिए आर्थिक महत्व के क्षेत्रों के बीच की दूरी घटाने के लिए सर्वेक्षण किए गए हैं। पंजाब के लुधियाना और राजस्थान के अजमेर के बीच फिलहाल जिस सड़क का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, वो 721 किलोमीटर लंबी है। इसमें औसतन 9 घंटे 15 मिनट का वक्त लगता है। दूसरी ओर, इन्हीं दोनों शहरों के बीच कम दूरी की सड़क 627 किलोमीटर लंबी है, लेकिन इस मार्ग से यात्रा करने पर औसतन 10 घंटे का वक्त लगता है।
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प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ग्राफिक्स के जरिये ये बताया गया कि करीब 100 किमी छोटी सड़क होने पर भी पौन घंटे ज्यादा वक्त लगता है। उसी तरह मुंबई-कोच्चि का प्रेफर्ड रोड 1537 किमी है, जिसमें 24 घंटे समय लगता है। दूसरी ओर, इन दोनों शहरों के बीच कम दूरी की सड़क 1346 किमी की है, लेकिन यहां अभी वक्त 29 घंटे लगता है। भारतमाला परियोजना के तहत कम दूरी की सड़कों को चिन्हित किया गया है और इनका निर्माण इस तरह से किया जाना है, ताकि ये फास्टेस्ट यानी तेज़ रफ्तार के साथ कम समय में पहुंचाने वाली सड़कों के रूप में विकसित हो सकें।
मुंबई-कोच्चि का प्रेफर्ड रोड 1537 किमी है, जिसमें 24 घंटे समय लगता है। इन दोनों शहरों के बीच कम दूरी की सड़क 1346 किमी की है. #BharatMala pic.twitter.com/RpsOg3T2QO
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पंजाब के लुधियाना और राजस्थान के अजमेर के बीच फिलहाल जिस सड़क का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, वो 721 किलोमीटर लंबी है। #Bharatmala pic.twitter.com/ABDecBQzc9
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भारतमाला परियोजना महत्वाकांक्षा सागरमाला परियोजना से जुड़ा हुआ है। देश के बंदरगाहों के साथ सड़कों के नेटवर्क को इस तरह से एक-दूसरे से जोड़ा जाना है, जिससे व्यापारिक हितों के साथ-साथ सामरिक हितों की भी सुरक्षा की जा सके।
वेब डेस्क, IBC24