2002 गोधरा ट्रेन आगजनी कांड के दोषी की इलाज के दौरान मौत, उम्रकैद की सजा काट रहा था गुनहगार |

2002 गोधरा ट्रेन आगजनी कांड के दोषी की इलाज के दौरान मौत, उम्रकैद की सजा काट रहा था गुनहगार

गोधरा में 2002 में ट्रेन की बोगी में आग लगाने के मामले में दोषी की वडोदरा के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस आशय की शनिवार को जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि दोषी वडोदरा के केन्द्रीय कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहा था।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : November 27, 2021/3:24 pm IST

वडोदरा, 27 नवंबर । गोधरा में 2002 में ट्रेन की बोगी में आग लगाने के मामले में दोषी की वडोदरा के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस आशय की शनिवार को जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि दोषी वडोदरा के केन्द्रीय कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहा था।

सहायक पुलिस आयुक्त ए. वी. राजगोर ने बताया कि बिलाल इस्माइल अब्दुल माजिद ऊर्फ हाजी बिलाल (61) की शुक्रवार को पुरानी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। उसका वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।

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उन्होंने बताया कि बिलाल पिछले तीन-चार साल से अस्वस्थ था और उसकी सेहत बिगड़ने पर 22 नवंबर को उसे जेल से अस्पताल ले जाया गया था।

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गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस6 को जला देने के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों में से बिलाल भी एक था। ट्रेन के इस डिब्बे में आयोध्या की यात्रा करने वाले कार सेवक सवार थे। इस आगजनी में 59 लोगों की मौत हो गई जिसके बाद गुजरात दंगों की आग में जल उठा था, और इन दंगों में 1,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

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बिलाल और 10 अन्य लोगों को 2011 में एसआईटी अदालत ने सबसे पहले मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन, अक्टूबर 2017 में गुजरात उच्च न्यायालय ने मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।

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