नई दिल्ली। 7th Pay Commission दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह अपने मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप लंबित बकाये का भुगतान करेगा। एमसीडी के वकील ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि करीब 738 करोड़ रुपये की किस्त की अगले कुछ दिनों में दिल्ली सरकार द्वारा ‘मूल कर दायित्व’ के रूप में अदायगी की जानी है तथा इस रकम का उपयोग लंबित बकाये का भुगतान करने में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वेतन और पेंशन का भुगतान समय पर किया जाएगा।
7th Pay Commission अदालत ने दिल्ली सरकार से 10 कार्य दिवस के भीतर राशि जारी करने को कहा और स्पष्ट किया कि नगर निकाय अपने आश्वासन से बंधा रहेगा। अदालत ने पूर्व में, देरी से भुगतान पर एमसीडी से नाराजगी जताई थी और कहा था कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वह इसे भंग करने का निर्देश देगी। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यदि उपरोक्त कथन/आश्वासन/वचन का कोई उल्लंघन किया जाता है, तो याचिकाकर्ता को एमसीडी के आयुक्त के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने की छूट होगी।’’ पीठ में न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा भी शामिल हैं। अदालत ने याचिकाकर्ताओं, जो एमसीडी के वर्तमान और पूर्व कर्मचारी हैं, से कहा, ‘‘यह आपका अधिकार है। वे कोई दान नहीं कर रहे हैं।’’
दिल्ली सरकार के वकील ने भुगतान करने के लिए 25 अप्रैल तक का समय देने का अदालत से आग्रह किया। अदालत का उक्त आदेश एमसीडी द्वारा वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं करने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान आया।
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