नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) पिछले महीने से लगातार बढ़ रही सब्ज़ियों की कीमत ने भारत के हर दस में से नौ घरों को परेशान किया है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।
सर्वेक्षण करवाने वाली संस्था ‘‘लोकल सर्किल्स’’ का कहना है कि उसे भारत के 311 जिलों में रहने वाले नागरिकों से 11,800 प्रतिक्रियाएं मिलीं। संस्था का दावा है कि मार्च से बढ़ रही सब्ज़ियों की कीमतों से लगभग 87 प्रतिशत भारतीय परिवार ‘प्रभावित’ हैं।
लोकल सर्किल्स ने कहा, ”सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि पिछले महीने कुछ सब्ज़ियों की कीमतें आसमान छू गई थीं।”
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 37 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सब्ज़ियों की कीमतों में 25 प्रतिशत से अधिक वृद्धि को अनुभव कर रहे हैं। 36 प्रतिशत लोगों ने माना कि पिछले महीने की तुलना में इस महीने वे सब्ज़ियों की समान मात्रा के लिए ’10-25 प्रतिशत अधिक’ का भुगतान कर रहे हैं, जबकि अन्य 14 प्रतिशत ने कहा कि वे ‘0 से 10 प्रतिशत अधिक’ का भुगतान कर रहे हैं।
करीब 25 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्हें ’25-50 प्रतिशत अधिक’ भुगतान देना पड़ा, जबकि अन्य पांच प्रतिशत लोगों का मानना था कि मार्च की तुलना में उतनी ही मात्रा में खरीदी जाने वाली सब्ज़ियों के दाम के लिए अतिरिक्त ’50-100 प्रतिशत’ दाम देने पड़े। सात प्रतिशत लोगों का मानना था कि उन्हें दोगुना दाम से अधिक का भुगतान करना पड़ा।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले केवल 2 प्रतिशत प्रतिवादियों ने कहा कि वे ‘वास्तव में कम भुगतान कर रहे थे’ और चार प्रतिशत की राय थी कि कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सात फीसदी लोगों ने कहा कि वे तब और अब की कीमतों में अंतर नहीं कर पा रहे हैं।
सर्वेक्षक का कहना था कि सर्वेक्षण में केवल भारतीय नागरिकों को उनके दस्तावेजों को मान्य करने के बाद पंजीकृत किया गया था।
सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले लोगों में लगभग 64 प्रतिशत प्रतिभागी पुरुष थे जबकि 36 प्रतिशत महिलाएं शामिल थीं।
भाषा फाल्गुनी मनीषा
मनीषा
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