जम्मू, 26 दिसंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा और इस पर लगी बाड़बंदी के बीच करीब 500 हेक्टेयर कृषि भूमि बिना उपयोग के पड़ी है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
सांबा की उपायुक्त अनुराधा गुप्ता ने बताया कि प्रशासन सीमावर्ती किसानों को अग्रिम क्षेत्रों में खेती करने को प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि सीमा पार से गोलाबारी किए जाने के खतरे के बीच इस जमीन को छोड़ दिया गया था लेकिन भारत और पाकिस्तान ने फरवरी में जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अतंरराष्ट्रीय सीमा पर नए सिरे से संघर्षविराम पर सहमति जताई तथा अब सीमावर्ती किसानों को संबंधित भूमि पर खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
गुप्ता ने कहा कि जिला प्रशासन और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी किसानों की चिंताओं को दूर करने और उन्हें सीमा बाड़ से परे क्षेत्र में नियमित खेती करने में अपना पूरा सहयोग देंगे।
उन्होंने बताया कि प्रशासन के अधिकारियों ने शनिवार को किसानों को जम्मू में सुचेतगढ़ सीमा का दौरा कराया, ताकि सांबा के किसान भी सुचेतगढ़ के अपने समकक्षों को देखकर सीमा बाड़ से परे खेती करने के लिए उत्साहित हो सकें।
अधिकारियों ने बताया कि सुचेतगढ़ सेक्टर का दौरा करने के बाद सांबा के सीमावर्ती इलाके के किसानों ने सीमा बाड़ से परे खेती करने का संकल्प लिया।
भाषा स्नेहा नेत्रपाल
नेत्रपाल
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