कोलकाता, 28 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने चुनावी बॉण्ड पर अपने विचारों के लिए प्रख्यात अर्थशास्त्री एवं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति परकला प्रभाकर की सराहना करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसके लिए उन्हें (प्रभाकर को) धन्यवाद दिया जाना चाहिए।
चौधरी ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि ‘चुनावी बॉण्ड धन उगाही का एक व्यवस्थित तरीका है’।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (प्रभाकर) सच बोला है। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं। वह एक ईमानदार, ईमानदार, सच्चे और दृढ़निश्चयी व्यक्ति हैं और इसीलिए वह ऐसा कह सके। वह खुले दिल से प्रशंसा के पात्र हैं।’
चौधरी ने कहा, ‘‘कांग्रेस में राहुल गांधी समेत हमलोग लंबे समय से यही कह रहे हैं, (जो प्रभाकर ने कहा है)…उसी दिन से, जब वित्तीय विधेयक (2017 में) के साथ चुनावी बॉण्ड से संबंधित प्रस्ताव संसद में पारित किया गया था। हमने इसका विरोध किया था। हम समझ गए कि चुनावी बॉण्ड धन उगाही का एक व्यवस्थित तरीका था।’’
प्रभाकर ने एक टेलीविजन समाचार चैनल से बात करते हुए कहा है कि ‘चुनावी बॉण्ड घोटाला भारत का ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। चुनावी बॉण्ड का भ्रष्टाचार सार्वजनिक होने के बाद अब लड़ाई दो गठबंधनों के बीच नहीं, भाजपा और देश के नागरिक के बीच है।’
पैसे की कमी के कारण लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार करने के सीतारमण के बयान के बारे में चौधरी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ‘परिस्थितियों की शिकार’ थीं।
चौधरी ने कहा, ‘‘हमने कभी नहीं कहा कि वह (सीतारमण) एक बेईमान व्यक्ति हैं। मैं यह भी नहीं कह रहा हूं कि वह चोर हैं या वह एक अमीर व्यक्ति हैं। हो सकता है कि दक्षिण भारत में चुनाव लड़ने के लिए बहुत सारे धन की आवश्यकता हो और इसीलिए वह चुनाव नहीं लड़ रही हैं।’’
सीतारमन की बेटी की शादी का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह एक बहुत ही सादगीपूर्ण उत्सव था और उन्होंने वित्त मंत्री से लड्डू खिलाने को कहा था।
उन्होंने कहा, ‘‘संसद के भीतर जब हमने सीतारमण से कई बार अलग-अलग सवाल पूछे तो हमारे बीच कई मौकों पर बहस हुई। हमने कभी उन पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया। लेकिन जिस सरकार की वह वित्त मंत्री हैं, उसकी ओर से उन्हें बहस करते हुए देखकर हमें बुरा लगता है।’
उन्होंने कहा, ‘‘वह (सीतारमण) परिस्थितियों की शिकार हैं। वह सब कुछ समझती हैं, लेकिन आज की भाजपा सरकार में केवल एक ही व्यक्ति बोलता है और सब कुछ तय करता है तथा सभी को उसकी बात सुननी पड़ती है। हमें यह याद रखना चाहिए कि अपने पति की तरह वह (सीतारमण) भी एक अर्थशास्त्री हैं।’’
सीतारमण ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से लोकसभा चुनाव लड़ने के भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए धन नहीं था।
भाषा सुरेश माधव
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