गुरुग्राम (हरियाणा), 22 अप्रैल (भाषा) खालिस्तान समर्थक प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को ‘चीन और पाकिस्तान का एजेंट’ बताते हुए ऑल इंडिया एंटी-टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने पन्नू को भारत वापस लाए जाने की मांग की।
‘खालिस्तान घोषणा दिवस’ के 36वें वर्ष के मौके पर 29 अप्रैल को हरियाणा में गुरुग्राम से अंबाला तक संभागीय आयुक्तों के कार्यालयों पर एसएफजे का झंडा फहराने की पन्नू की कथित धमकी के बीच बिट्टा ने उक्त मांग की है।
बिट्टा ने सरकार से पन्नू को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में पन्नू को ‘पाकिस्तान और चीन का एजेंट’ बताया।
बिट्टा ने एसएफजे प्रमुख को खालिस्तान के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी और जोर दिया कि वह मीडिया के सामने पन्नू को ‘चुनौती’ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि खालिस्तान के गठन का प्रतिबंधित संगठन का सपना कभी पूरा नहीं होगा।
यह रेखांकित करते हुए कि पन्नू ने धमकी देने वाले वीडियो और संदेश सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, बिट्टा ने कहा, ‘‘हम उनके सोशल मीडिया आतंकवाद को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।’’
युवा कांग्रेस के पूर्व नेता बिट्टा 1993 में नयी दिल्ली के रायसीना रोड स्थित युवा कांग्रेस के मुख्यालय पर खलिस्तान समर्थक उग्रवादियों द्वारा किए गए बम हमले में घायल हो गए थे।
बिट्टा ने कहा कि किसान आंदोलन अपना रास्ता भटक गया था और पन्नू जैसे लोगों ने उसका फायदा उठाते हुए ‘तिरंगे का अपमान करने की हिमाकत की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब वे हरियाणा में खालिस्तानी झंडा लगाने की धमकी दे रहे हैं लेकिन उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा।’’
बिट्टा ने इस दौरान संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।
उन्होंने अनुच्छेद 370 को देश के लिए ‘कैंसर’ बताया।
भाषा अर्पणा अविनाश
अविनाश
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