जम्मू कश्मीर के उरी में घुसपैठ रोधी अभियान : पाकिस्तानी आतंकवादी गिरफ्तार, अन्य की मौत |

जम्मू कश्मीर के उरी में घुसपैठ रोधी अभियान : पाकिस्तानी आतंकवादी गिरफ्तार, अन्य की मौत

जम्मू कश्मीर के उरी में घुसपैठ रोधी अभियान : पाकिस्तानी आतंकवादी गिरफ्तार, अन्य की मौत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:08 PM IST, Published Date : September 28, 2021/4:31 pm IST

श्रीनगर, 28 सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ रोधी अभियान के दौरान लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध 19 वर्षीय पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया। अभियान के दौरान एक आतंकवादी मारा गया और तीन भारतीय सैनिक घायल हो गए। सेना ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

जीओसी 19 इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल वीरेंद्र वत्स ने बारामूला जिले में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एलओसी पर संदिग्ध गतिविधियां देखे जाने के बाद सेना ने 18 सितंबर को अभियान शुरू किया था। उन्होंने बताया कि घुसपैठियों, जिनकी संख्या छह थी, को चुनौती देने पर मुठभेड़ हुई। उनमें से चार बाड़ के दूसरी तरफ थे जबकि दो भारतीय क्षेत्र की तरफ आ गए थे।

उन्होंने बताया, ‘‘दूसरी तरफ मौजूद चार आतंकवादी घनी झाड़ियों का फायदा उठाकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में वापस चले गए। शेष दो भारतीय सीमा में घुस गए।’’

अधिकारी ने बताया, ‘‘एक घुसपैठिए को 26 तारीख की सुबह मुठभेड़ में मार गिराया गया, जबकि दूसरे ने अपनी जान बख्शने की गुहार की। पकड़े गए घुसपैठिए ने अपनी पहचान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओकारा जिले के 19 वर्षीय अली बाबर पारा के रूप में बतायी है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘उसने कबूल किया है कि वह लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है और उसे मुजफ्फराबाद में प्रशिक्षण दिया गया था।’’ अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए आतंकवादी ने खुलासा किया है कि उसे 2019 में मुजफ्फराबाद के खैबर शिविर, घडीवाला में तीन सप्ताह तक प्रशिक्षित किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों को इस साल किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए बुलाया गया था और उनके आकाओं ने उन्हें बताया था कि उन्हें पट्टन में आपूर्ति करनी है। लेकिन उनसे बरामद चीजों और साजिश के तौर-तरीकों को देखने से यह प्रतीत होता है कि वे यहां किसी हमले के इरादे से आए थे और यह किसी चीज की आपूर्ति से अलग था।

सेना के अधिकारी ने बताया कि घुसपैठ की कोशिश सलामाबाद नाले के किनारे की गई थी, जो उरी चौकी पर 2016 के आत्मघाती हमले के लिए इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने बताया, ‘‘घुसपैठ करने वाले दस्ते को पाकिस्तान की ओर से शह मिली थी और सामान ढोने वाले तीन पोर्टर नियंत्रण रेखा तक रसद ला रहे थे।’’ अधिकारी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही दूसरी तरफ तैनात पाकिस्तानी सेना की सक्रिय मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती।

मेजर जनरल वत्स ने कहा कि नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर आवाजाही बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह पाकिस्तान की हताशा को दर्शाता है कि जब वे कश्मीर में शांति देखते हैं तो शांति भंग करने के इरादे से सनसनीखेज तरीके से हमले करने के लिए आतंकवादियों को भेजते हैं। इतने दिनों में सात आतंकवादियों को मार गिराया गया है जबकि एक को जिंदा पकड़ा गया है।’’

भाषा सुरभि पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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