कोलकाता, 30 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने शनिवार को कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग), सेना और निर्वाचन आयोग भारतीय लोकतंत्र के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और इनका नेतृत्व करने वाले लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद ऐसा पद नहीं देना चाहिए, जिसमें थोड़ा ही काम करना होता है, लेकिन उसके लिए उन्हें वेतन दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि देश में ऐसे उच्च पदों पर आसीन लोगों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद की नियुक्तियों पर पूरी तरह प्रतिबंध या रोक होनी चाहिए।
सिंघवी ने ‘लेडीज स्टडी ग्रुप चैरिटेबल ट्रस्ट’ के वार्षिक पुरस्कार समारोह में यहां अपने संबोधन में कहा, ‘‘सेवानिवृत्ति के बाद की ‘लॉलीपॉप’ (दिये जाने वाले लाभ) सेवानिवृत्ति से पहले की गतिविधियों पर असर डालती है। इन संस्थानों को स्वतंत्र होना चाहिए। सेवानिवृत्त होने के बाद आप इन लोगों को किसी भी नौकरी पर नहीं रख सकते हैं। याद रखिए स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान लोकतंत्र की आत्मा है। इसलिए चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी तरह का गलत काम स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान को प्रभावित करता है और लोकतंत्र पर असर डालता है।’’
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि ‘‘अगर हमें भारतीय लोकतंत्र को उज्ज्वल बनाना है’’ तो एक स्वस्थ समझौता कर उन लोगों को ऐसा पद नहीं देना चाहिए, जिसमें थोड़ा ही काम करना होता है, लेकिन उसके लिए उन्हें वेतन दिया जाता है।
भाषा गोला सुभाष
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