Approval of draft Regional Plan-2041 : नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) एनसीआर योजना बोर्ड द्वारा मंगलवार को मसौदा क्षेत्रीय योजना-2041 को मंजूरी देने के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राजघाट से 100 किलोमीटर के दायरे में सिमटने की संभावना है। इस योजना का मकसद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरी इलाकों का विकास करना है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) वर्तमान में लगभग 150-175 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो सभी जिलों और उनके ग्रामीण क्षेत्रों को आच्छादित करता है। लेकिन, क्षेत्रीय योजना-2041 की मंजूरी से 100 किमी से अधिक के क्षेत्र के एनसीआर का मुख्य हिस्सा होने की संभावना नहीं है।
सुझावों और आपत्तियों के लिए एक विस्तृत मसौदा योजना जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी और उसके बाद, इसे एनसीआर योजना बोर्ड द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।
सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ रैखिक गलियारों को 100 किलोमीटर के दायरे से और मौजूदा एनसीआर सीमा तक विकसित किया जाएगा, जिससे एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग और क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम से एक किलोमीटर के दायरे में आने वाले क्षेत्रों के विकास का रास्ता तैयार होगा।’’
इसके साथ ही इस 100 किलोमीटर के परिसीमन में आंशिक रूप से पड़नेवाली तहसीलों को शामिल करने या छोड़ने का निर्णय संबंधित राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाएगा। एनसीआरपीबी की वेबसाइट पर उपलब्ध क्षेत्रीय योजना 2021 ने सात मेट्रो केंद्रों-फरीदाबाद-बल्लभगढ़, गुड़गांव-मानेसर, गाजियाबाद-लोनी, नोएडा, सोनीपत-कुंडली, ग्रेटर नोएडा और नोएडा की पहचान की थी।
सूत्र ने बताया कि गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मेरठ के कुछ इलाके और अन्य एनसीआर का हिस्सा बने रहेंगे क्योंकि ये 100 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। मसौदा क्षेत्रीय योजना-2041 में झुग्गी मुक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए एयर एम्बुलेंस सुविधा और हेलीटैक्सी, सड़क, रेल और जलमार्ग के माध्यम से बेहतर संपर्क का मार्ग प्रशस्त होगा।
भाषा स्नेहा प्रशांत
प्रशांत
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Lok Sabha Chunav 2024 : इस संसदीय क्षेत्र के 6…
2 hours ago