Bengaluru cyber fraud : नई दिल्ली। देश दुनिया में साइबर ठगी के कई मामले सामने आते है। इतना ही नहीं आजकल तो साइबर ठगी पर बॉलीवुड एवं हॉलीवुड में खबरें तक बनने लगी है। लेकिन आज जो घटना बताने जा रहा हूं वह किसी फिल्म से कम नहीं है। बेंगलुरु में हुए इस फ्रॉड के दो सेंट्रल कैरेक्टर्स हैं। इनमें से एक है 33 साल का एमबीए ग्रेजुएट और दूसरा है 36 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। महज एक बेडरूम के कमरे से इन दोनों ने बुना 854 करोड़ रुपए की ठगी का एक जाल। पूरी कहानी जानकर आप लोग भी दंग रहे जाएंगे।
Bengaluru cyber fraud : बता दें कि पिछले महीने बेंगलुरु की साइबर क्राइम पुलिस ने एमबीए ग्रेजुएट, मनोज श्रीनिवास और सॉफ्टवेयर इंजीनियर फणींद्र के को गिरफ्तार किया। इनके साथ चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया, इनमें सेलफोन रखने वाले श्रीनिवास और सोमशेखर भी शामिल थे। यह गिरफ्तारियां हुई थीं 8.5 लाख रुपए की एक चीटिंग मामले में थी, जिसकी शिकायत 26 साल की एक महिला ने की थी। इस महिला को लालच दिया गया था कि वह छोटी-छोटी रकम निवेश के हाई इंट्रेस्ट कमा सकती है। इसके बाद उसके साथ ठगी हो गई। मामले की छानबीन करते हुए पुलिस एक किराए वाले घर में पहुंची।
जैसे ही पुलिस पहुंची सभी की आंखें फटी रह गईं। जांच में पुलिस ने पाया कि इस एक कमरे के घर से एक ऐसा ठगी का नेटवर्क चल रहा है, जो पूरे भारत में लोगों को अपने जाल में फंसाया है। इस घर के मालिक थे, वही एमबीए ग्रेजुएट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर, जिनके बारे में हमने आपको शुरू में बताया है। एमबीए ग्रेजुएट मनोज श्रीनिवास और सॉफ्टवेयर इंजीनियर फणींद्र के ने इसी घर में बिना नाम की प्राइवेट एंटरप्राइज की शुरुआत की। इन दोनों ने दो अन्य लोगों को कर्मचारी के तौर पर हायर किया। इन दोनों लोगों को खास ताकीद दी गई कि आठ मोबाइल दिन-रात ऐक्टिव रखेंगे। हालांकि पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
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