नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने अंतर-सरकारी ढांचे के तहत भारत को तीन अरब डॉलर के 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन बेचने की अपनी योजना के बारे में संसद को अभी तक सूचित नहीं किया है। मामले से जुड़े लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
ऐसी जानकारी है कि भारत और अमेरिका इस प्रस्तावित समझौते में कीमत समेत विभिन्न पहलुओं पर गौर कर रहे हैं लेकिन सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश को लेकर अमेरिका द्वारा भारत पर आरोपों के बाद यह वार्ता प्रक्रिया धीमी हो गयी है।
अमेरिका दूतावास के प्रवक्ता क्रिस एल्म्स ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम अमेरिकी कांग्रेस के साथ ऐसे हथियार बिक्री निर्णयों पर मार्गदर्शन करने वाली मानक प्रक्रियाओं और नीतियों के अनुरूप संभावित बिक्री पर चर्चा करना जारी रखेंगे।’’
उनकी यह प्रतिक्रिया मीडिया में आयी उस खबर के बारे में पूछने पर आयी है कि अमेरिका ने भारत द्वारा हत्या की नाकाम साजिश की व्यापक जांच कराने तक उसे ड्रोन बेचने पर रोक लगा दी है।
भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि करोड़ों रुपये के सौदे पर दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है लेकिन उन्होंने इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी कि ड्रोन खरीद को कब तक अंतिम रूप दिया जाएगा।
भारत अंतर-सरकारी ढांचे के तहत अमेरिका से 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर सशस्त्र ड्रोन खरीदने को लेकर एक ऐतिहासिक सौदे पर विचार कर रहा है।
अमेरिका की प्रमुख रक्षा कंपनी जनरल एटॉमिक्स (जीए) से ड्रोन के अधिग्रहण के लिए भारत के अनुरोध पत्र (एलओआर) पर वाशिंगटन की प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका और भारत के अधिकारी खरीद पर बातचीत कर रहे हैं।
भारत सशस्त्र बलों के निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए, विशेष रूप से चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए ये ड्रोन खरीद रहा है।
हालांकि ड्रोन की कीमत को बातचीत के दौरान अंतिम रूप दिया जाएगा, लेकिन अनुमान है कि खरीद पर लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर का खर्च आएगा।
भाषा
गोला अमित
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