भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय की ममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी से विवाद |

भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय की ममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी से विवाद

भाजपा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय की ममता बनर्जी पर की गई टिप्पणी से विवाद

:   Modified Date:  March 28, 2024 / 09:14 PM IST, Published Date : March 28, 2024/9:14 pm IST

कोलकाता, 28 मार्च (भाषा) न्यायाधीश के पद से इस्तीफा देकर लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बने अभिजीत गंगोपाध्याय तब विवादों में आ गए जब उन्हें एक कथित वीडियो क्लिप में यह कहते सुना गया कि ‘‘ममता बनर्जी की मौत की घंटी बजनी शुरू हो गई है।’’

तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया कि तमलुक सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार ने टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी की मृत्यु की कामना की, जबकि भाजपा ने कहा कि गंगोपाध्याय का मतलब ‘‘टीएमसी की राजनीतिक मृत्यु’’ था।

बृहस्पतिवार को सामने आए वीडियो में गंगोपाध्याय को एक संवाददाता से कथित तौर पर यह कहते सुना जा सकता है, ‘‘ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी की मौत की घंटी बजनी शुरू हो गई है।’’

‘पीटीआई-भाषा’ स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका है।

तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और मंत्री शशि पांजा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा उम्मीदवारों के बीच यह दिखाने की होड़ चल रही है कि ‘‘उनके बयान कितने बुरे हो सकते हैं।’’

पांजा ने कहा, ‘‘अभिजीत गंगोपाध्याय अब ममता बनर्जी की मृत्यु की कामना कर रहे हैं। क्या हम कभी अपने दुश्मनों के लिए भी मृत्यु की कामना कर सकते हैं? भाजपा को हार का डर सता रहा है…आपको (अभिजीत) ऐसी अप्रिय टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए, और यह व्यक्ति कुछ दिन पहले तक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।’’

गंगोपाध्याय ने पांच मार्च को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद से इस्तीफा दे दिया और दो दिन बाद भाजपा में शामिल हो गए।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जब गंगोपाध्याय ने यह कहा था, उस समय मैं वहां मौजूद नहीं था, लेकिन मुझे लगता है कि यह टीएमसी पार्टी की राजनीतिक मृत्यु की ओर इशारा करने वाला एक बयान था, जिसकी प्रमुख ममता बनर्जी हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि टीएमसी इस मामले में अनावश्यक विवाद पैदा करना चाहती है।

भट्टाचार्य ने कहा कि एक विपक्षी नेता के रूप में बनर्जी ने 1992 में कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक रैली के दौरान माकपा के नेतृत्व वाली तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार की ‘‘मौत की घंटी बजने’’ का जिक्र किया था।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘क्या उन्होंने (ममता) उस समय ज्योति बसु जैसे किसी वरिष्ठ माकपा नेता की मौत का आह्वान किया था? टीएमसी केवल विवाद खड़ा करना चाहती है।’’

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)