रूपेश के श्राद्धकर्म में जाने से रोकने पर भाजपाध्यक्ष ने तानाशाही का आरोप लगाया |

रूपेश के श्राद्धकर्म में जाने से रोकने पर भाजपाध्यक्ष ने तानाशाही का आरोप लगाया

रूपेश के श्राद्धकर्म में जाने से रोकने पर भाजपाध्यक्ष ने तानाशाही का आरोप लगाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : February 18, 2022/6:51 pm IST

चरही(हजारीबाग), 18 फरवरी (भाषा), झारखंड के हजारीबाग जिले में छह फरवरी को सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान भीड़ द्वारा घेरकर मार दिये गये रूपेश पांडेय के श्राद्धकर्म में शामिल होने जा रहे झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश को रोक दिया गया। हजारीबाग जिला प्रशासन ने शुक्रवार को रुपेश के घर से लगभग साठ किलोमीटर पहले ही इन नेताओं को रोक लिया और आगे नहीं बढ़ने दिया।

इससे नाराज दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार तुष्टीकरण की नीति के बाद अब तानाशाही पर उतर आयी है और पांच घंटे की प्रतीक्षा के बाद प्रकाश को बैरंग रांची वापस लौटना पड़ा। छह फरवरी को सरस्वती प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान 17 वर्षीय रुपेश पांडेय को दूसरे समुदाय की भीड़ ने घेर कर धारदार हथियारों से गोद कर मार डाला था।

दीपक प्रकाश ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि रोके जाने का कारण पूछने पर स्थानीय प्राशासनिक अधिकारियों ने कहा कि उपर से आदेश है और हम इससे अधिक कुछ नहीं बता सकते हैं। दीपक प्रकाश ने बताया कि उन्होंने जब इस सिलसिले में हजारीबाग के उपायुक्त से बात की तो उन्होंने कहा कि शहर में धारा 144 लागू है जिसे देखते हुए उन्हें रूपेश के घर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब अभी तीन-चार दिनों पूर्व राज्य सरकार के मंत्री और विधायक रूपेश के घर गये थे तो कोई सवाल नहीं उठा और जब भाजपा के नेता रूपेश के घर जा रहे हैं तो सरकार को किस बात का डर? यह भेदभाव आखिर क्यों?’’

महत्वपूर्ण यह है कि इसी प्रकार 16 फरवरी को जिला प्रशासन ने रूपेश के परिजनों से मिलने और उन्हें आर्थिक सहयोग करने दिल्ली से आये भाजपा नेता कपिल मिश्रा को रांची हवाई अड्डे पर ही रोक लिया था और उन्हें अंततः हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया गया। कपिल मिश्रा दोपहर बाद हवाई अड्डे से ही दिल्ली वापस चले गये थे।

हजारीबाग के बरही में हुए रूपेश की भीड़ द्वारा हत्या को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। झारखंड से लेकर दिल्ली तक इसको लेकर सियासत हो रही है। मामले को रफादफा करने के प्रयास में जुटी हजारीबाग पुलिस ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता करके एक बार फिर से दावा किया कि निजी विवाद के कारण रूपेश की हत्या हुई और उसकी हत्या का सरस्वती पूजा के विसर्जन जुलूस से कोई लेनादेना नहीं था।

पुलिस ने दावा किया कि तीन दोस्त रुपेश, हिमांशु, राजवीर और दिवाकर एक साथ थे। इसी दौरान कैफ, गोफरान और आमीन के द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी की गई। बात बढ़ते देख मोटरसाइकिल से रूपेश समेत अन्य वहां से चले गए लेकिन दूसरे रास्ते से अन्य आरोपियों ने पुनः उन्हें रोकने की कोशिश की। चूंकि रूपेश मोटरसाइकिल के पीछे बैठा था इस कारण वह तीनों के हत्थे चढ़ गया जिसके बाद उसकी उन तीनों ने जमकर पिटाई की और पिटाई से बुरी तरह घायल रूपेश की कुछ देर बाद मौत हो गई।

पुलिस ने दीपक प्रकाश को जब हजारीबाग जाने की इजाजत नहीं दी तो शाम को लगभग चार बजे रांची लौटते समय पूछा, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, एक शोक संतप्त परिवार के दरवाजे पर जाने से क्यों रोका जा रहा हैं?

भाषा, इन्दु संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)