सीमा पर संघर्षविराम : खेतों पर हरियाली छाई और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान |

सीमा पर संघर्षविराम : खेतों पर हरियाली छाई और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान

सीमा पर संघर्षविराम : खेतों पर हरियाली छाई और बच्चों के चेहरों पर मुस्कान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : February 25, 2022/5:34 pm IST

उरी (जम्मू कश्मीर), 25 फरवरी (भाषा) सरहद पर कभी उजाड़ पड़े खेतों में अब हरी भरी फसलें लहलहा रही हैं, किसान खेतों में बेफिक्र होकर काम कर रहे हैं, और गलियों में खेलते बच्चों के चेहरों पर अब खौफ नहीं, हंसी खिलखिलाती है। वजह साफ है- सरहद पर बम धमाकों और गोलीबारी का शोर थमे आज ठीक एक साल पूरा हो गया। आज ही के दिन भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं ने संघर्षविराम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था ।

पिछले साल 24 फरवरी की रात जब दोनों मुल्कों की सेनाओं ने ये फैसला किया था तो जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के समीप उरी के लोगों के लिए यह खबर बहुत बड़ी राहत लेकर आयी थी । वरना वे हर वक्त खौफजदा रहते थे क्योंकि दोनों देशों के बीच दुश्मनी का नश्तर उनके सीने में सबसे पहले धंसता था।

वैसे तो सुरक्षा प्रतिष्ठान ने भी राहत की सांस ली और संघर्ष विराम पर खुशी जतायी लेकिन ये नियंत्रण रेखा के आसपास के लोग ही थे जिन्होंने इसकी तारीफ की क्योंकि उन्हें बंदूक के शांत हो जाने की अहमियत का अहसास हुआ।

काजी शेख नामक एक स्थानीय बाशिंदे ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि संघर्षविराम का हमारे लिए क्या मतलब है। हम कई सालों से निरंतर डर के साये में रहे लेकिन पिछले एक साल से हम अपने गांवों में अपने बच्चों के साथ चैन से रहे हैं।’’

उसने कहा कि संघर्षविराम ने ग्रामीणों को धमाकों के डर के बगैर जिंदगी जीने का एक मौका दिया है।

शेख ने कहा, ‘‘ विस्फोट और गोलाबारी रोजमर्रा की बातें हो गयी थीं और हम दिन रात जान हथेली पर रखकर रहते थे। लेकिन अब हम स्वतंत्र रूप से घूम-फिर सकते हैं और खुशी खुशी अपनी जिंदगी जी सकते हैं।’’

उसने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि संघर्षविराम बना रहेगा। हम चाहते हैं कि दोनों ही देश शांति बनाये रखें। हमने काफी नुकसान उठाया है और हम सामान्य एवं शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं।’’

दूसरी कक्षा के छात्र रोमन इरशाद ने कहा, ‘‘ संघर्षविराम के कारण हम अब खुले मैदान में खेल सकते हैं। अन्यथा, डर के मारे हम अपने कमरों में ही खेलते थे। धमाकों की आवाज के बगैर हम खुले दिमाग से पढ़ते हैं।’’

पिछले महीने सेना की 15 वीं कोर या चिनार कोर के जनरल ऑफिसर इन कमांडिग लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे ने कहा था कि कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास संघर्षविराम बना हुआ है और सेना चाहेगी कि दोनों तरफ के लोगों के फायदे के लिए यह जारी रहे।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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