बजट : विपक्षी दलों ने स्वास्थ्य, शिक्षा पर संकुचित ध्यान देने को लेकर आलोचना की |

बजट : विपक्षी दलों ने स्वास्थ्य, शिक्षा पर संकुचित ध्यान देने को लेकर आलोचना की

बजट : विपक्षी दलों ने स्वास्थ्य, शिक्षा पर संकुचित ध्यान देने को लेकर आलोचना की

:   Modified Date:  February 1, 2023 / 08:59 PM IST, Published Date : February 1, 2023/8:59 pm IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) विपक्षी दलों के नेताओं ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ‘‘संकुचित’’ ध्यान देने के लिए बुधवार को केंद्र की आलोचना की।

केंद्रीय बजट 2023-24 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 89,155 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2022-23 में आवंटित की गई 79,145 करोड़ रुपये की राशि की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत अधिक है।

इसके साथ ही इसमें 2047 तक ‘सिकल सेल एनीमिया’ नामक बीमारी के उन्मूलन के लिए मिशन की घोषणा भी की गई है। ‘सिकल सेल’ एक आनुवंशिक बीमारी है।

वहीं, बजट में स्कूली शिक्षा के लिए 9752.07 करोड़ रुपये जबकि उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए 44,094.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में स्कूली शिक्षा के बजट में 16.51 प्रतिशत, जबकि उच्च शिक्षा क्षेत्र में करीब आठ प्रतिशत अधिक आवंटन किया गया है।

बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद अमर पटनायक ने कहा कि बजट आवंटन में वृद्धि ‘‘बेहद मामूली’’ है, जिससे वास्तव में कोई खास फायदा नहीं होगा।

पटनायक ने ‘पीटीआई’ के साथ वीडियो साक्षात्कार में कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण चीज है- स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे सामाजिक क्षेत्रों में खर्च। बजट भाषण में आवंटन का कोई उल्लेख नहीं है और यदि आप बारीकी से देखें, तो पता चलता है कि इन क्षेत्र के बजट में वृद्धि जीडीपी के प्रतिशत के मद्देनजर बहुत मामूली है।’’

बीजद नेता ने कहा कि आवंटन में ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा पर अधिक गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए था।

राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर राज्यों में शिक्षा और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्रीय बजट में पर्याप्त आवंटन नहीं करने का आरोप लगाया है।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को ‘पीटीआई’ को दिए विशेष वीडियो साक्षात्कार में कहा, ‘‘अगर केंद्र स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे पर खर्च नहीं करता है, तो वह राज्यों पर बोझ डाल रहा है।’’

चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि केंद्र जीएसटी प्रतिपूर्ति का समय पर भुगतान नहीं कर रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 2023-24 के केंद्रीय बजट को ‘‘केवल घोषणाओं का पिटारा’’ करार देते हुए आरोप लगाया कि शिक्षा और स्वास्थ्य बजट को कोई बढ़ावा नहीं दिया गया है।

खरगे ने कहा, ‘‘वास्तव में, इनमें कटौती कर दी गई है।’’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी केंद्र पर शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय और महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की ‘‘उपेक्षा’’ करने का आरोप लगाया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “इस बजट में मंहगाई से कोई राहत नहीं है। उल्टे इस बजट से मंहगाई बढ़ेगी। बेरोजगारी दूर करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। शिक्षा बजट को 2.64 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। स्वास्थ्य बजट को 2.2 फीसदी से घटाकर 1.98 प्रतिशत करना हानिकारक है।”

भाषा

शफीक सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers