केंद्र ने अधिकारियों को विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले उपहार अपने पास रखने की अनुमति दी |

केंद्र ने अधिकारियों को विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले उपहार अपने पास रखने की अनुमति दी

केंद्र ने अधिकारियों को विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले उपहार अपने पास रखने की अनुमति दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : September 21, 2021/5:31 pm IST

नयी दिल्ली, 21 सितंबर (भाषा) केंद्र ने आईएएस, आईपीएस और आईएफओएस अधिकारियों को भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य होने के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले उपहारों को अपने पास रखने की अनुमति देने के लिए 50 साल पुराने नियम में संशोधन किया है। एक आधिकारिक आदेश में यह कहा गया है।

मौजूदा नियमों के तहत अगर उपहार देना प्रचलित धार्मिक और सामाजिक प्रथा के अनुरूप हो तो इन अधिकारियों को शादी, वर्षगांठ, अंत्येष्टि और धार्मिक समारोहों जैसे अवसरों पर अपने करीबी रिश्तेदारों या मित्रों से उपहार स्वीकार करने की अनुमति दी गई है। लेकिन, अगर इस तरह के उपहार का मूल्य 25,000 रुपये से अधिक है तो सरकार को इस बारे में सूचित करना पड़ता है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के अधिकारियों के लिए लागू अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के अनुसार, ‘‘सेवा का कोई भी सदस्य सरकार की मंजूरी के बिना कोई उपहार स्वीकार नहीं करेगा, यदि उपहार का मूल्य 5,000 रुपये से अधिक है।’’ इन नियमों में कहा गया है कि सेवा के सदस्य को उनके साथ आधिकारिक व्यवहार करने वाले या औद्योगिक अथवा वाणिज्यिक कंपनियों या अन्य संगठनों से महंगा आतिथ्य या बार-बार आतिथ्य स्वीकार करने से बचना चाहिए।

कार्मिक मंत्रालय ने अब इन नियमों में संशोधन किया है और अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 की धारा 11 के तहत एक नया उप-नियम शामिल किया है। हालिया संशोधित नियम में कहा गया है कि सेवा का कोई सदस्य, भारतीय प्रतिनिधिमंडल का सदस्य होने के नाते या अन्यथा, विदेशी योगदान (उपहार या भेंट को स्वीकार करने या रखने संबंधी) नियम, 2012 के प्रावधानों के अनुसार विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से उपहार प्राप्त कर सकता है और अपने रख सकता है।

कार्मिक मंत्रालय ने पिछले साल मार्च में प्रस्तावित नियमों पर राज्य सरकारों से टिप्पणी मांगी थी। राज्यों से 31 मार्च 2020 तक जवाब भेजने के लिए कहा गया था और ऐसा नहीं होने पर ‘‘यह माना जाएगा कि राज्य सरकार को प्रस्तावित संशोधनों पर कोई आपत्ति नहीं है।’’ ज्ञात या अज्ञात स्रोतों से, विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहार, आमतौर पर विदेश मंत्रालय के तोशखाना में जमा किए जाते हैं।

भाषा आशीष मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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