केंद्र ने कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज को 2030 तक खत्म करने की राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई |

केंद्र ने कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज को 2030 तक खत्म करने की राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई

केंद्र ने कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज को 2030 तक खत्म करने की राष्ट्रीय कार्य योजना बनाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:05 PM IST, Published Date : September 28, 2021/10:06 pm IST

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज को 2030 तक खत्म करने की खातिर मंगलवार को राष्ट्रीय कार्य योजना एनएपीआरई की शुरुआत की।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज को 2030 तक खत्म करने की राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीआरई) की शुरुआत की।

एक सरकारी बयान में बताया गया, ‘‘मंत्रियों ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि रेबीज को अधिसूचना योग्य बीमारी बनाएं।’’

दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने 2030 तक भारत में कुत्तों के काटने से होने वाले रेबीज को खत्म करने की खातिर ‘‘संयुक्त अंतर मंत्रालयी घोषणा समर्थन बयान’’ की भी शुरुआत की।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बीमारी के कारण मानव जिंदगी को होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया।

रूपाला ने देश के ग्रामीण इलाकों में रेबीज के खतरे के बारे में बताया। गांवों में इस बीमारी को आम तौर पर ‘हडकवा’ कहा जाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ग्रामीण इलाकों में महज हडकवा के जिक्र से ही डर पैदा हो जाता है। गांव के लोग जब समझेंगे कि रेबीज ही हडकवा का कारण है तो वे सक्रिय रूप से आगे आएंगे। वे इसमें सरकार की सक्रिय रूप से मदद भी करेंगे।’’

रूपाला ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे प्रचलित नाम ‘हडकवा’ का प्रयोग करें ताकि योजना के तहत होने वाले कार्यकलापों को लोकप्रिय बनाया जा सके।

उन्होंने रेबीज को लेकर टीका और दवा के बीच अंतर के बारे में भी जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर कार्य योजना तैयार की है।

भाषा नीरज नीरज दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)