केंद्र को तय करना चाहिए कि क्या वह ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहता है : स्वामी |

केंद्र को तय करना चाहिए कि क्या वह ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहता है : स्वामी

केंद्र को तय करना चाहिए कि क्या वह ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहता है : स्वामी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : August 22, 2022/10:17 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि केंद्र को यह तय करना चाहिए कि वह ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करना चाहता है या नहीं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई टालते हुए कहा कि उन्होंने समय की कमी के कारण फाइल नहीं पढ़ी हैं। स्वामी ने कहा कि उन्हें अपनी याचिका दायर किए दो दशक हो गए हैं, लेकिन अब तक सरकार ने एक भी जवाब दाखिल नहीं किया है।

शीर्ष अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश हुए स्वामी ने कहा, ‘‘उन्हें (केंद्र) एक हलफनामा दायर करना चाहिए और कहना चाहिए कि वे इसे राष्ट्रीय विरासत के स्मारक के रूप में घोषित करना चाहते हैं या नहीं। यह मामला दो दशकों से लंबित है। अगर वे इसका विरोध कर रहे हैं, तो करें, लेकिन कम से कम जवाब तो दाखिल करें।’’

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह दस्तावेजों की समीक्षा करेंगे और अदालत को सूचित करेंगे।

शुरुआत में, पीठ ने स्वामी से कहा कि राष्ट्रीय विरासत का दर्जा देना कार्यपालिका का विशेषाधिकार है और अदालत इसे देने के लिए कार्यपालिका को कैसे निर्देश दे सकती है।

स्वामी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर टालमटोल कर रही है और कह रही है कि मामला अदालत में लंबित है।

शीर्ष अदालत ने 13 नवंबर, 2019 को केंद्र को राम सेतु पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था। इसने केंद्र का जवाब दाखिल न होने की स्थिति में स्वामी को अदालत का दरवाजा खटखटाने की छूट दी थी।

भाषा सुरेश नरेश

नरेश

 

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