हिमाचल में कांग्रेस की प्रचार योजना और बेहतर हो सकता थी, मेरी पूरी सेवा नहीं ली: आनंद शर्मा |

हिमाचल में कांग्रेस की प्रचार योजना और बेहतर हो सकता थी, मेरी पूरी सेवा नहीं ली: आनंद शर्मा

हिमाचल में कांग्रेस की प्रचार योजना और बेहतर हो सकता थी, मेरी पूरी सेवा नहीं ली: आनंद शर्मा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : November 10, 2022/6:58 pm IST

शिमला, 10 नवंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की प्रचार योजना में वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इसे और बेहतर किया जा सकता था। शर्मा ने अफसोस जताते हुए कहा कि पार्टी ने उनकी सेवाएं पूरी तरह नहीं लीं। हालांकि, उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने राज्य में जोरदार तरीके से प्रचार किया और उन्हें विश्वास है कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी तथा बहुमत हासिल करेगी।

शर्मा ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों ही नयी पेंशन योजना के प्रभावों का आकलन नहीं करने के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहने के दौरान लाई गयी इस योजना को ‘गलत फैसला’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से हमने 2012 में राज्य में फिर सरकार बनाने पर इसे सही नहीं किया जिस समय पी चिदंबरम केंद्रीय वित्त मंत्री थे।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह राष्ट्रीय मुद्दा है और केंद्र तथा राज्यों को साथ बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों ने जहां भी उन्हें आमंत्रित किया, उन्होंने अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता के हिसाब से प्रचार किया, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उनके प्रचार की कोई योजना नहीं थी।

शर्मा (69) ने कहा, ‘‘हमारी स्थिति 2017 से बेहतर है क्योंकि हम विशेष महत्व वाले मुद्दों को लेकर जनता तक गये हैं, जिनमें बेरोजगारी, महंगाई, पुरानी पेंशन योजना या अग्निपथ भर्ती योजना शामिल हैं।’’

गौरतलब है कि शर्मा का नाम राज्य के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में है। वह कुछ महीने पहले पार्टी से नाराज नजर आये थे लेकिन उन्होंने हिमाचल प्रदेश में अनेक जगहों पर पार्टी के लिए प्रचार किया और कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में जनसभाएं कीं।

वह पार्टी संगठन में बड़े स्तर पर सुधारों की मांग को लेकर वर्ष 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 पार्टी नेताओं के समूह में शामिल रहे। पत्र लिखने वाले नेताओं में गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे दिग्गज भी शामिल थे जिन्होंने बाद में कांग्रेस छोड़ दी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा गठित पार्टी की संचालन समिति के सदस्य शर्मा ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी राज्य में भाजपा के तेज प्रचार अभियान के बावजूद अच्छा प्रदर्शन करेगी। उन्होंने भाजपा के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा कई मंत्रियों के जनसभा करने का उल्लेख किया।

हिमाचल में राहुल गांधी के कोई जनसभा नहीं करने के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि राहुल का ध्यान यात्रा पर है और जाहिर है कि प्रियंका गांधी के मुख्य प्रचारकर्ता होने का फैसला सोच-समझकर लिया गया है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, यह उनका (राहुल का) फैसला था और वह भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘प्रियंका गांधी ने जोरदार अभियान चलाया। लेकिन शायद हम उपलब्ध वरिष्ठ नेताओं को शामिल करके इस प्रचार अभियान को बेहतर बना सकते थे।’’

शर्मा ने कहा कि पार्टी ने उन्हें प्रचार की रणनीति बनाने में शामिल नहीं किया और ना ही चुनाव के लिए घोषणापत्र बनाने में उनके सुझाव मांगे गये।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि कांग्रेस सदस्य होने के नाते जहां भी उम्मीदवार मुझे आमंत्रित करें, वहां प्रचार के लिए जाना मेरी जिम्मेदारी है लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने मेरे प्रचार करने को लेकर कोई तालमेल नहीं किया।’’

अगस्त में राज्य में पार्टी की संचालन समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा देकर शर्मा ने क्या किसी तरह की नाखुशी जताई थी। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैं (नाखुश) था क्योंकि मैं संचालन समिति का अध्यक्ष था, लेकिन सलाह-मशविरे में मुझे शामिल नहीं किया गया, मुझे किसी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया और पार्टी के प्रचार की रणनीतिक योजना बनाने में भी मुझे नहीं जोड़ा गया। मुझसे सलाह नहीं ली गयी, तब भी मैंने प्रचार किया।’’

शर्मा ने कहा, ‘‘मैंने बिना शिकायत के प्रचार किया लेकिन जैसा कि मैंने कहा है, इसकी योजना और बेहतर बन सकती थी। वरिष्ठ नेता उपलब्ध थे और उनसे संपर्क करना चाहिए था जिन्हें राज्य की जानकारी भी है।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बगावत से आहत हुए हैं और भाजपा को इस मामले में कांग्रेस से ज्यादा चोट पहुंची है।

शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं हो रहा कि हमने (कांग्रेस ने) कुछ विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों का चयन करने में गलती की है।’’

कांग्रेस द्वारा राज्य में चुनाव से पहले किसी नेता को मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बनाने के सवाल पर शर्मा ने कहा कि विधायकों के चुनाव के बाद आम-सहमति बनाई जा सकती है।

कांग्रेस के बहुमत पाने पर क्या शर्मा मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं, इस प्रश्न के उत्तर में जवाब मिला कि उन्होंने ऐसी कोई महत्वाकांक्षा नहीं जताई है और जहां भी उम्मीदवारों ने उन्हें प्रचार के लिए बुलाया, उन्होंने किया।

उन्होंने ‘डबल इंजन सरकार’ के भाजपा के दावों पर कहा कि राज्य सरकारों ने ‘सिंगल इंजन’ पर अच्छा काम किया है।

भाषा

वैभव संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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